
मुरादाबाद के पास के गांवों में तेंदुओं के दिखने से लोग डर गए हैं। किसान टेकचंद ने अपने खेत में तीन तेंदुए देखे, जिससे कई गांवों में खौफ फैल गया है। रतनपुर कलां के कब्रिस्तान में भी तेंदुए देखे गए हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है, लेकिन उनका कहना है कि विभाग की लापरवाही के कारण खतरा बना हुआ है।
शहर से लगे कई गांवों में तेंदुओं का आना आम बात हो गई है। मोहम्मदपुर ध्यानसिंह के किसान टेकचंद ने बुधवार शाम अपने खेत में तीन तेंदुए देखे। इसके बाद महलकपुर निजामपुर, बेलों वाली मिलक, सलेमपुर और जेबड़ी-जेबड़ा में भी डर फैल गया। ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए गन्ने के घने खेतों में अपना ठिकाना बना चुके हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, शहर से इन गांवों की तरफ जाने वाले रास्तों पर बहुत सारे गन्ने के खेत हैं, जहां तेंदुए अक्सर दिख जाते हैं। रात को काम करने वाले मजदूरों के लिए ये रास्ते खतरे से खाली नहीं हैं। लोग अपने परिवार के साथ हर दिन डर के साए में जी रहे हैं।
रतनपुर कलां में तो हालात और भी गंभीर हो गए हैं। बुधवार को दिन में ही कब्रिस्तान में दो तेंदुए घूमते देखे गए। सुबह फातिहा पढ़ने गए लोग जब उन्हें देखा, तो भाग निकले। इसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। बहुत से लोग लाठी-डंडे लेकर कब्रिस्तान पहुंचे, लेकिन तब तक तेंदुए वहां से चले गए थे।
ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग तुरंत गांव-गांव में टीम लगाए, पिंजरे लगाए और रात की गश्त बढ़ाए। रतनपुर कलां के लोग कह रहे हैं कि रोजाना खेतों और कब्रिस्तान के रास्तों से गुजरना उनके लिए खतरे से खाली नहीं है। मजदूरों के परिवार भी हर रोज चिंता में रहते हैं कि कहीं तेंदुआ रास्ते में न आ जाए।
वन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि तेंदुए अक्सर शिकार की तलाश में आबादी के करीब आ जाते हैं। उनके पकड़े जाने के लिए पिंजरा लगाए जाएंगे। तब तक ग्रामीण सतर्क रहें और तुरंत सूचना दें। रतनपुर के नजाकत अली ने तेंदुए देखने के बाद तुरंत विभाग को जानकारी दी। टीम मौके पर पहुंची और कब्रों पर तेंदुए के पंजों के निशान देखे गए।
विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी और गुरुवार को पिंजरा लगाने का भरोसा जताया। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि विभाग तभी सक्रिय होता है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है। कुछ दिन पहले ग्रोथ सेंटर पॉकेट-बी में तेंदुए को पिंजरे में बंद किया गया था, जिससे थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब फिर से तेंदुओं की वापसी से डर और बढ़ गया है।
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