
Bareilly : उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को ‘आई लव मुहम्मद’ अभियान के समर्थन में हुई हिंसा के मामले में पुलिस का सख्ती का सिलसिला जारी है। बुधवार को मौलाना तौकीर रजा खान के करीबी डॉ. नफीस खान और उनके बेटे फरमान समेत आठ और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य ने बताया कि इनमें से दो आरोपी शाहजहांपुर जिले के निवासी हैं, जिन्हें मुठभेड़ के दौरान पकड़ा गया। बवाल के बाद से अब तक कुल 81 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और मोबाइल रिकॉर्डिंग के आधार पर बाकी फरारों को चिह्नित कर रही है। विशेष रूप से उन लोगों पर फोकस है, जिन्होंने भीड़ जुटाने और उकसाने का काम किया।
साजिश का खुलासा: नमाज का समय बदलकर फैलाई अफवाह
जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। एसएसपी आर्य के मुताबिक, 26 सितंबर (शुक्रवार) को जुमे की नमाज का समय जानबूझकर बदला गया था। मौलाना तौकीर का एक वीडियो वायरल होने के बाद मैसेज फैलाया गया कि नमाज एक बजे होगी, जबकि सामान्य समय साढ़े 12 से पौने चार बजे के बीच होता है। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस्लामिया मैदान की ओर उमड़ आए। पुलिस का मानना है कि यह साजिश का हिस्सा था, ताकि प्रदर्शन को हिंसक रूप दिया जा सके। जेल भेजे गए आरोपियों में तीन दूसरे राज्यों (मुख्य रूप से बिहार और झारखंड) से हैं। इनके आपराधिक इतिहास और संपर्कों की गहन जांच चल रही है। जिले में धारा 163 (बीएनएसएस के तहत कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध) लागू है, जिसका सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
26 सितंबर का ब्लैक चैप्टर: ‘आई लव मुहम्मद’ प्रदर्शन से हिंसा का तांडव
सब कुछ 26 सितंबर को शुरू हुआ, जब इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने ‘आई लव मुहम्मद’ अभियान के समर्थन में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन का आह्वान किया। यह अभियान कानपुर में 9 सितंबर को एक बारावफात जुलूस के दौरान लगाए गए पोस्टरों को लेकर शुरू हुआ था, जहां पुलिस ने नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। तौकीर रजा, जो बरेलवी संप्रदाय के संस्थापक अहमद रजा खान के वंशज हैं और पहले कांग्रेस व सपा से जुड़े रहे हैं, ने वीडियो के जरिए लोगों को इस्लामिया मैदान पर जुटने को कहा। हालांकि, प्रशासन ने अनुमति न देने पर प्रदर्शन आखिरी मौके पर रद्द कर दिया।
मौलाना के नदारद रहने और रद्द होने की घोषणा से नाराज भीड़ बेकाबू हो गई। हजारों लोग आला हजरत दरगाह, मौलाना के निवास और स्थानीय मस्जिदों के बाहर ‘आई लव मुहम्मद’ के प्लेकार्ड लेकर इकट्ठा हो गए। पुलिस के अनुसार, भीड़ ने पत्थरबाजी की, दुकानों-वाहनों में तोड़फोड़ की और नारेबाजी की। स्थिति बिगड़ते ही पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस हिंसा में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें कई को गंभीर चोटें आईं। डीआईजी रेंज अजय कुमार साहनी के निर्देश पर एसएसपी आर्य ने एसपी सिटी मानुष पारीक के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है, जिसमें तीन सीओ और 14 इंस्पेक्टर शामिल हैं।
कानूनी कार्रवाई: 10 एफआईआर, 125 नामजद और 3,000 अज्ञात आरोपी
हिंसा के बाद शहर के विभिन्न थानों में 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें 125 लोग नामजद हैं, जबकि करीब 3,000 अज्ञात आरोपी बताए गए हैं। सात मामलों में मौलाना तौकीर का नाम प्रमुखता से आया है। पुलिस ने अब तक 81 गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें तौकीर रजा, डॉ. नफीस, फरमान, नदीम (तौकीर के करीबी, जो शाहजहांपुर से मुठभेड़ में पकड़े गए) और अन्य शामिल हैं। नदीम को ‘दूसरा मास्टरमाइंड’ माना जा रहा है, जो हिंसा की योजना एक हफ्ते से बना रहा था। तौकीर के सहयोगी मौलाना मोहसिन रजा (उनके बड़े भाई के दामाद) को भी हिरासत में लिया गया है।
योगी सरकार की चेतावनी: बुलडोजर एक्शन और एनएसए की तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “कल एक मौलाना ने भूल की कि राज्य में कौन सत्ता में है। उन्होंने सोचा कि व्यवस्था को अपनी मर्जी से रोक देंगे, लेकिन हमने साफ कर दिया कि न ब्लॉकेज होगा, न कर्फ्यू।” सीएम ने चेतावनी दी कि धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। बरेली प्रशासन ने तौकीर के सहयोगियों की आठ अवैध संपत्तियों (फैज एनक्लेव, जगतपुर और पुराने शहर में) को चिह्नित कर बुलडोजर एक्शन की तैयारी की है। बरेली डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीडीए) के अनुसार, ये निर्माण बिना नक्शा स्वीकृति के बने हैं और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हैं।
इसके अलावा, पुलिस ‘ऑनलाइन टूलकिट’ की जांच कर रही है, जिसके जरिए तौकीर के वीडियो वायरल किए गए। फोन कॉल्स और व्हाट्सएप चैट्स से साजिश का पर्दाफाश हो रहा है। बरेली के अलावा बरबंकी और मऊ में भी तनाव फैला, जहां ‘आई लव मुहम्मद’ बैनर फाड़े जाने पर हंगामा हुआ। अल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए शांति की अपील की।
यह घटना न केवल बरेली की शांति को भंग करने वाली है, बल्कि धार्मिक संवेदनशीलता के नाम पर साजिश रचने का उदाहरण भी। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) लगाने पर विचार किया जाएगा। शहर में भारी पुलिस बल तैनात है, और अमन चैन की बहाली के लिए प्रयास जारी हैं। अधिक अपडेट्स के लिए बने रहें।
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