
Gaza Conflict : पिछले दो सालों से जारी युद्ध और संघर्ष के कारण गाजा पूरी तरह से तबाह हो चुका है। अब अपनी बर्बादी की कहानी खुद ब खुद बयान कर रहा है। यहां भूख, पानी, पैसे और जरूरी वस्तुओं के अभाव ने पूरे क्षेत्र को विकट मानवीय संकट में डाल दिया है। इस स्थिति का फायदा स्थानीय पुरुषों और कुछ एड वर्कर्स ने उठाने की कोशिश की है, जिसकी कहानियां खुद यहां की महिलाओं ने बयां की हैं।
गाजा में महिलाओं के साथ हो रहा शोषण
गाजा में इस समय गंभीर मानवाधिकार संकट व्याप्त है। महिलाओं ने बताया है कि जैसे-जैसे जरूरी वस्तुओं का संकट गहरा होता जा रहा है, वैसे-वैसे यहाँ पर महिलाओं का यौन शोषण भी बढ़ रहा है। स्थानीय पुरुष और कुछ एड वर्कर्स महिलाओं को दो वक्त की रोटी और पीने के पानी का लालच देकर उनके साथ यौन संबंध बनाने का दबाव बना रहे हैं। उन्हें अभद्र मैसेज कर परेशान किया जा रहा है, और रातभर उन्हें धमकियां दी जा रही हैं।
6 महिलाओं ने सुनाई आपबीती
एपी न्यूज एजेंसी ने ऐसी ही छह महिलाओं से बात की है, जिन्होंने अपने अनुभव साझा किए हैं। इनमें से हर महिला ने अपने परिवार या समाज में बदनामी के डर और टैबू के कारण अपना नाम जाहिर नहीं किया है। महिलाओं का कहना है कि कभी पुरुष सीधे-सपाट तौर पर कहते हैं, “मैं तुम्हें छूना चाहता हूं, मुझे ऐसा करने दो,” तो कभी शादी का झांसा देकर दबाव बनाते हैं। कुछ पुरुष तो यह भी कहते हैं कि वे शादी करना चाहते हैं या कहीं साथ चलने को कहते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब ऐसी खबरें सामने आई हैं। संघर्ष के दौरान, विश्व के कई अन्य हिस्सों में भी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और शोषण की घटनाएं सामने आई हैं। दक्षिण सूडान, बुर्किना फासो, कांगो, चाड और हैती जैसे युद्धग्रस्त इलाकों में भी इन घटनाओं का इतिहास रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब विस्थापन और मानवीय संकट गहरा होता है, तो महिलाओं को सबसे अधिक खतरे का सामना करना पड़ता है।
ह्यूमन राइट्स वॉच की वीमेन राइट्स डिविजन की एसोसिएट डायरेक्टर हीथर बर्र ने कहा, “मानवीय संकट लोगों को कमजोर और असहाय बना देता है, और यौन हिंसा में इजाफा इसका सामान्य परिणाम है। आज की गाजा की स्थिति खासतौर पर महिलाओं और लड़कियों के लिए अत्यंत खतरनाक है।” यहाँ काम करने वाले मनोवैज्ञानिकों ने भी बताया कि दर्जनों मामलों में महिलाओं का शोषण हुआ है, और कई महिलाएं गर्भवती भी हो चुकी हैं।
गाजा में काम कर रहे मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि वहाँ की सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों के कारण, पीड़ित महिलाएं अपने अनुभव साझा करने में संकोच करती हैं। अक्सर उनका कहना है कि वे सीधे बात नहीं कर सकतीं। कई महिलाओं ने बताया कि उनके साथ यौन संबंध बनाने का दबाव तब बना जब वे सहायता के लिए रजिस्ट्रेशन कर रही थीं या सहायता प्राप्त कर रही थीं।
छह मानवाधिकार और राहत संगठनों का मानना है कि उन्हें यौन दुर्व्यवहार और शोषण की रिपोर्टें मिली हैं, जिनमें सहायता के नाम पर महिलाओं का शोषण किया गया। एड वर्कर्स का कहना है कि युद्ध, विस्थापन और सहायता तक पहुंच में बाधाओं ने कमजोर लोगों के लिए मानवीय कार्य को अत्यंत मुश्किल बना दिया है। जैसे-जैसे भूख और हताशा बढ़ती जा रही है, महिलाएं कह रही हैं कि उन्हें असंभव निर्णय लेने पर मजबूर किया जा रहा है।
मदद के नाम पर महिलाओं से यौन संबंध बनाने के लिए कहा जा रहा
एक महिला ने बताया कि युद्ध के एक साल बाद, अक्टूबर में उसे फोन पर एक व्यक्ति ने संपर्क किया। शुरुआत में वह सामान्य बातें करता रहा, जैसे पति का क्या हुआ, बच्चे कितने हैं, लेकिन धीरे-धीरे उसकी बातचीत का लहजा बदला। वह महिलाओं से उनके अंडरवियर का रंग, पति के साथ संबंध आदि पर सवाल करने लगा। वह महिला उस समय मदद पाने के लिए लाइन में खड़ी थी, तभी उसे एक एड वर्कर का नंबर मिला। उस व्यक्ति ने बाद में लगातार फोन किया, और यौन संबंध बनाने का दबाव डाला। जब महिला ने मना कर दिया, तो उसने नंबर ब्लॉक कर दिया।
महिला ने बताया कि उसने गाजा में UNRWA को इस मामले की शिकायत की, लेकिन एजेंसी ने कहा कि सबूत के तौर पर बातचीत की रिकॉर्डिंग जरूरी है। महिला के पास पुराना फोन था, जिसमें कॉल रिकॉर्ड नहीं थे। UNRWA की प्रवक्ता जूलियट तौमा ने दावा किया कि उनकी एजेंसी यौन शोषण के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाती है। उनका कहना है कि हर रिपोर्ट को गंभीरता से लिया जाता है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
महिलाओं ने बताया कि कई पुरुष, जो स्वयं सहायता समूहों से जुड़े होने का दावा करते हैं, उन्होंने महिलाओं से संपर्क किया। कुछ मामलों में, पुरुष अपने आप को सहायता एजेंसी का कर्मचारी या नेता बताकर मदद का वादा करते हैं। फिर, ये पुरुष महिलाओं के नंबर लेकर उनके साथ रातभर यौन संबंध बनाने का दबाव डालते हैं।
यह भी पढ़े : Bareilly : मौलाना तौकीर रजा को घर में पनाह देने वाले फरहत की बेटियां बोली- ‘हमारे घर पर न चलाएं बुलडोजर’