Fatehpur : कल्याणपुर पुलिस का ‘खेल’, अवैध पटाखा डंप छिपाने की कोशिश

  • गर्दन बचाने के लिए दर्ज कराई अवैध पटाखा डंप की FIR
  • दिन में छोड़ी पटाखों से भरी पिकअप, रात को उसी का माल पकड़ा गया

Fatehpur : रेवाड़ी में पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में पिता नूर मोहम्मद और पुत्री तायबा की मौत दो लोगों की जान गई के बाद भी कल्याणपुर पुलिस के तौर-तरीके नहीं बदले। एसपी अनूप सिंह ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया, लेकिन इसके बावजूद हालात जस के तस हैं।

दरअसल, घटना वाले गांव रेवाड़ी से ही सोमवार को पटाखों से भरी एक पिकअप पकड़ी गई। गाड़ी थाने ले जाई गई, लेकिन कुछ ही घंटों बाद छोड़ दी गई। मामला फंसता दिखा तो पुलिस से अपनी गर्दन बचाने के लिए साहू ने एक जीएसटी बिल का इंतजाम करा दिया।

सवाल यह उठता है कि अगर बिल था तो गाड़ी थाने क्यों गई? और अगर थाने पहुंची थी, तो सिर्फ बिल देखकर क्यों छोड़ दी गई? आखिर पटाखों की बिक्री और डंपिंग का लाइसेंस जांचे बिना गाड़ी को छोड़ना कहां तक सही है? चार पुलिसकर्मियों के निलंबन के बाद भी कौन से पुलिसकर्मी इतने बेखौफ हैं कि कप्तान से भी नहीं डरते? यही से शुरू होता है कल्याणपुर पुलिस का बड़ा खेल।

बताया जाता है कि जैसे ही गाड़ी पकड़ने का वीडियो वायरल हुआ और अफसरों को पता चला कि उसी मालिक दिव्यांशु साहू के घर पर पटाखों का बड़ा डंप है, थानाध्यक्ष अखिलेश यादव को कार्रवाई के लिए भेजा गया। लेकिन वहां माल तुरंत पकड़ने के बजाय ताला डालकर फोटो खींचकर अफसरों को भेज दी गई। आम चर्चा यह थी कि स्थानीय पुलिस ने साहू को रात भर का समय दे दिया ताकि माल गायब किया जा सके।

रात में घर से पूरा माल पीछे एक स्कूल में फेंका गया। निकालने की तैयारी चल ही रही थी कि स्कूल के गार्ड की नींद खुल गई। उसने मैनेजमेंट को सूचना दी, फिर प्रबंधक, प्रधान समेत कई लोग मौके पर पहुंचे। वहां का नजारा देखकर सभी दंग रह गए। स्कूल के पीछे से वही पुलिस पिकअप में माल लोड कर रही थी।

अब बड़ा सवाल यह है कि अगर पुलिस को माल बरामद करना ही था, तो शाम को ताला डालने के बजाय तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई? और देर रात स्कूल में फेंके गए पटाखों के बंडलों को दिव्यांशु के बजाय पुलिस ही क्यों निकाल रही थी? यह गंभीर जांच का विषय है।

पुलिस की इस करतूत का वीडियो भी सामने आया है। पटाखा फैक्ट्री से लेकर पिकअप छोड़ने और माल गायब कराने तक हर जगह कल्याणपुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। दबाव बढ़ता देख नए थानाध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी गर्दन बचाने के लिए तत्काल दिव्यांशु साहू के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम में FIR दर्ज कराई और करीब दो कुंतल अवैध पटाखे स्व. हरवंश सिंह इण्टर कालेज, रेवाड़ी से बरामद दिखाए गए।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर दिव्यांशु का माल अवैध था, तो दिन में उसकी पिकअप को बिना लाइसेंस जांचे छोड़ क्यों दिया गया?

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