
Sultanpur : एटीएस की लखनऊ इकाई ने सोमवार को जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनमें हलियापुर थाना क्षेत्र के कांकरकोला गांव निवासी अकमल रजा भी शामिल है। गांव में लोग उसे ‘मौलाना’ के नाम से जानते थे। वह खुद को मदरसे में बच्चों को तालीम देने वाला शिक्षक बताता था।
एटीएस की कार्रवाई से उसके खतरनाक मंसूबों का खुलासा होने के बाद ग्रामीण सकते में हैं। अकमल रजा के पिता शराफत अली दिल्ली में किराए की दुकान में सैलून चलाते हैं। तीन बेटों में अकमल सबसे छोटा है। जानकारी के मुताबिक हाल ही में वह बारावफात के मौके पर गांव आया था। यहां उसने लोगों को बताया था कि वह वाराणसी और दिल्ली के मदरसों में बच्चों को पढ़ाता है और तकरीर भी करता है। इसी कारण ग्रामीण उसे ‘मौलाना’ कहकर पुकारने लगे थे।
ग्रामीणों के अनुसार, सोमवार को अकमल अपने चचेरे भाई रेहान के साथ कार से जगदीशपुर जा रहा था। तभी रानीगंज के पास एटीएस टीम ने दबिश देकर दोनों को पकड़ लिया। देर शाम रेहान को छोड़ दिया गया, जबकि अकमल रजा को हिरासत में लेकर लखनऊ ले जाया गया। हलियापुर थानाध्यक्ष तरुण कुमार पटेल ने बताया कि उन्हें इस कार्रवाई की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
एटीएस निरीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि अकमल रजा कई संदिग्ध व्हाट्सऐप ग्रुपों से जुड़ा हुआ था। ‘मशवरा’ नामक ग्रुप में वह काफिरों के खिलाफ जंग-ए-जिहाद की तैयारी कर चुनी हुई सरकार को गिराकर पूरे देश में शरीयत नाफिज करने की साजिश रच रहा था। उसने अपने साथियों से एक ‘मुजाहिद्दीन आर्मी’ तैयार करने की अपील भी की थी। चैट में देश की संवैधानिक और प्रजातांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ भड़काऊ संदेश मिले हैं। इन्हीं आरोपों में अकमल को गिरफ्तार किया गया है।