
केंद्र सरकार ने तय किया है कि आने वाले समय में स्कूल और उच्च शिक्षा संस्थानों के पाठ्यक्रम में आयुर्वेद को शामिल किया जाएगा। केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने जानकारी दी कि NCERT और UGC मिलकर नया सिलेबस तैयार कर रहे हैं।
आयुष मंत्रालय ने बताया कि यह कदम नई पीढ़ी को समग्र स्वास्थ्य और भारतीय परंपरा से जोड़ने के लिए उठाया जा रहा है।
आयुर्वेद को केवल पढ़ाई तक सीमित न रखकर इसे जीवनशैली और स्वास्थ्य का आधार बनाने पर जोर दिया जाएगा।
नया सिलेबस कब लागू होगा?
सूत्रों के मुताबिक, अगले शैक्षणिक सत्र (2026-27) से आयुर्वेद का पाठ्यक्रम किताबों में जोड़ा जा सकता है। छात्रों को अब विज्ञान और गणित के साथ-साथ
- आयुर्वेद के सिद्धांत
- घरेलू उपचार
- प्राचीन स्वास्थ्य ज्ञान
भी पढ़ाया जाएगा।
करिकुलम और ट्रायल्स
- एनसीईआरटी व यूजीसी करिकुलम मॉड्यूल तैयार कर रहे हैं।
- CCRAS और अन्य संस्थानों की मदद से आयुर्वेद पर हाई क्वालिटी क्लिनिकल ट्रायल्स हो रहे हैं।
- WHO के सहयोग से आयुर्वेदिक इलाज के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक तय किए जा रहे हैं।
एलोपैथी और आयुष का मेल
मंत्री जाधव ने कहा कि आयुर्वेद और एलोपैथी एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी नहीं, बल्कि पूरक पद्धतियां हैं।
राष्ट्रीय आयुष मिशन और आयुष ग्रिड के जरिए दोनों प्रणालियों को जोड़कर जनता को बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है।
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