मुरादाबाद : चौराहे पर खुलेआम लाठियों की बरसात, दबंगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, पुलिस बनी रही मूकदर्शक

Moradabad : मुरादाबाद के कोतवाली थाना क्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे जिले को हिला कर रख दिया। शहर के बीचों बीच उस समय खौफनाक नजारा देखने को मिला जब दो गुटों में जमकर खूनी संघर्ष हो गया।

चौराहे पर दर्जनों की संख्या में लोग आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते वहां लाठी-डंडों की बरसात शुरू हो गई। जो जिसको मिला उसी पर टूट पड़ा। सड़क पर भागते हुए लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस बवाल के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन पुलिसकर्मी पूरे घटनाक्रम के दौरान मूकदर्शक बने रहे। न किसी को रोकने की कोशिश की, न ही दबंगों को काबू में लिया। पुलिस की मौजूदगी में ही दर्जनों लोग लहूलुहान हो गए।

यह नजारा देखकर लोगों में सवाल उठ रहे हैं कि जब पुलिस सामने खड़ी होकर भी कुछ नहीं कर सकती तो आम जनता खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगी।इस घटना का लाइव वीडियो अब सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह भीड़ में से लोग डंडों से एक-दूसरे को पीट रहे हैं। खून से सने लोग सड़क पर गिरते-पड़ते दिखाई दे रहे हैं और पुलिस सब कुछ तमाशा देखते हुए खड़ी है। वायरल वीडियो ने मुरादाबाद पुलिस की लापरवाही को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है।

पीड़ित पक्ष का कहना है कि हमलावरों ने जान से मारने की नीयत से हमला किया। आरोप है कि दबंगों ने न सिर्फ बुरी तरह पीटा बल्कि उनकी उंगलियों का मांस काटने और हाथ-पैर तोड़ने की कोशिश की। पीड़ितों ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले भी दोनों गुटों के बीच विवाद हुआ था, लेकिन पुलिस ने उस समय कोई कार्रवाई नहीं की। अगर उसी वक्त सख्ती दिखाई जाती तो आज इतनी खौफनाक घटना न होती। घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। लोगों के मन में गुस्सा और आक्रोश है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मुरादाबाद पुलिस की लापरवाही ने अपराधियों के हौसले इतने बुलंद कर दिए हैं कि वे पुलिस की मौजूदगी में भी बेखौफ होकर अपराध कर रहे हैं। इस वायरल वीडियो ने न सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं बल्कि यह भी दिखा दिया है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह अपराधियों के शिकंजे में जकड़ चुकी है।

आम जनता सवाल कर रही है कि अगर पुलिस ही मौन साध लेगी तो इंसाफ कौन देगा? अब यह मामला चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गया है। विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। मुरादाबाद की सड़कों पर खुलेआम हुआ यह खून-खराबा एक बार फिर प्रशासन की नींद उड़ाने वाला है।

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