
नई दिल्ली। दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में सुबह टहलने निकले कांग्रेसी के एक वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह कटारिया को बदमाशों ने दिनदहाड़े ताबतोड़ फायरिंग मौत के घाट उतार दिया गया था। दिल्ली पुलिस ने अपनी फुर्ती दिखाते हुए 72 घंटे के भीतर ही बदमाशों को पकड़ हत्या का मामला सुलझा दिया गया है। दिल्ली पुलिस की टीम ने इस सनसनीखेज वारदात में नांगलोई निवासी पिता व पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों में खुरीराम और उसका 17 साल का बेटा हत्या में शामिल था।
दिल्ली पुलिस टीम की जांच में चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां आरोपी खुशीराम ने 9 साल पहले अपने साथ हुई पिटाई का बदला लेने के लिए कांग्रेसी नेता की हत्या करने की साजिश रची थी। डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि 9 जनवरी 2016 को एक प्लॉट बेचने को लेकर हुए विवाद में लक्ष्मण कटारिया व उसके परिजनों ने खुरीराम को बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया था। हमले में उसके हाथ–पांव टूट गए थे। खुरीराम करीब 9 महीने तक बिस्तर पर पड़ा रहा।
उसी समय से खुरीराम ने बदला लेने का विचार बना लिया था। शुक्रवार की सुबह आरोपी अपने नाबालिग बेटे के साथ बेगमपुर में स्थित मॉडल पार्क में पहुच गया था, जहां पार्क में रोजाना लक्ष्मण कटारिया टहलने के लिए जाते थे। सोचनी समझी प्लानिंग के तहत आरोपी पिता–पुत्र ने पीड़ित पर पहले डंडों से हमल करके लहूलुहान कर दिया था, जिसके बाद पिस्टल निकालकर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। आरोपी हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए, डीसीपी चौहान ने बताया कि पुलिस की जांच में पता चला कि पिता–पुत्र ने घर जाकर कपड़े बदल लिए थे, ताकि आरोपी अपनी पहचान छिपाई जा सके, आरोपी खुरीराम ने पुलिस को बताया कि उसने खाकी रंग का कुर्ता–पायजामा पहना हुआ था, जिसे वारदात के बाद तुंरत बदल लिया था। आरोपी बाइक लेकर मौके हो गए थे।
इस मामले में खास बात यह है कि आरोपी खुरीराम के बेटे नावलिया की उम्र 18 साल होने में महज 14 घंटे बाकी थे। आरोपी खुरीराम चाहता था कि बेटे को नाबालिग मानकर जुवेनाइल अदालत से राहत मिले। इसलिए वारदात को उसी दिन अंजाम दिया गया था। डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि लक्ष्मण कटारिया अपने परिवार के साथ बेगमपुर में रहते थे, साथ ही पीड़ित प्रॉपर्टी डीलिंग के साथ राजनीति में भी सक्रिय था। रोजाना की तरह सुबह वह नजदीकी पार्क में टहलने के लिए गए हुए थे।
उसी समय आरोपियों ने उन्हें घेरकर हमला करते हुए गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया। पार्क में अन्य लोगों द्वारा बीच बचाव करने की कोशिश की गई, तो आरोपियों ने उन पर भी पिस्टल तान दी थी। इस गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपी अब एक–दूसरे को बचाने की कोशिश करते रहे हैं।
एक तरफ बेटे का कहना है कि उसने हमला कर युवत की हत्या की है, लेकिन पिता का दावा है कि हत्या उसने अकेले की है। पुलिस टीम द्वारा जांच में जुटाए सीसीटीवी कैमरे की फुटेज व मोबाइल रिकॉर्ड के आधार पर आरोपियों की लोकेशन ट्रैक की गई थी। घटना वाले दिन खुरीराम अपने घर पर मौजूद नहीं था, जिससे पुलिस का शक और ज्यादा गहरा गया, जिसके बाद पुलिस दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसके बाद दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल लिया है।