
Moradabad: बरेली में हाल ही में भड़की हिंसा और उसके बाद प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश का संविधान सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन प्रदेश सरकार बार-बार संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ते हुए मनमाने फैसले ले रही है।
सांसद रुचि वीरा ने कहा कि कोई भी नागरिक अपने नबी, मोहम्मद, भगवान, अवतार या किसी भी धर्मगुरु के प्रति मोहब्बत जता सकता है। इसमें गैरकानूनी बात कहां है? यह प्रत्येक भारतीय का अधिकार है। लेकिन बरेली में जिस तरह लाठीचार्ज हुआ, तौकीर रजा को गिरफ्तार किया गया और अब उनकी दुकानों को जबरन ढहाया जा रहा है, वह संविधान और न्यायपालिका के खिलाफ है। कोर्ट का आदेश आने का इंतजार क्यों नहीं किया जा रहा? बिना जांच के बुलडोजर चलाना पूरी तरह से गलत है और इससे साफ दिखता है कि किसी खास वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है। यह हमारी गंगा-जमुनी तहजीब को तोड़ने की साजिश है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान, “जो बह फैलाएगा, उसे ठोक देंगे,” पर भी उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी। रुचि वीरा ने कहा कि इसका मतलब तो यह हुआ कि अब देश में अदालतों और न्यायपालिका की कोई जरूरत ही नहीं रही। अगर कोई ‘आई लव मोहम्मद’, ‘आई लव कृष्ण’ या ‘आई लव राम’ लिख देता है, तो इसमें बह फैलाने की कौन सी बात है? यह तो व्यक्तिगत आस्था की बात है, इसे दंगे या नफरत से जोड़ना सरासर गलत है।
पद्मश्री हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद के मकान पर बुलडोजर चलाए जाने की घटना पर दुख जताते हुए सपा सांसद ने कहा कि यह पूरे देश के लिए शर्म की बात है। मोहम्मद शाहिद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया और उन्हें पद्मश्री जैसे बड़े सम्मान से नवाजा गया। उन्होंने सिर्फ एक दिन की मोहलत मांगी थी, लेकिन सरकार ने उन्हें वह मोहलत तक नहीं दी और उनके घर पर बुलडोजर चला दिया। यह बेहद अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के मुद्दे पर भी सांसद रुचि वीरा ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बनारस के लोगों ने स्वयं उन्हें बताया कि कॉरिडोर निर्माण के दौरान पुराने मंदिरों को तोड़ा गया और उनकी मूर्तियां आज भी वहां बिखरी पड़ी हैं। एक ओर सरकार मंदिर बनाने का दावा करती है और दूसरी ओर मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। यह दोहरा रवैया आखिर क्यों?
सपा सांसद ने कहा कि मौजूदा सरकार न्याय, भाईचारे और संवैधानिक अधिकारों को दरकिनार कर मनमानी कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह का भेदभाव और निशाना बनाना समाज को बांटने का काम करेगा, जबकि भारत हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब और आपसी मोहब्बत का प्रतीक रहा है।
कुल मिलाकर, रुचि वीरा ने स्पष्ट कहा कि योगी सरकार की कार्यशैली न तो संवैधानिक है और न ही लोकतांत्रिक। बुलडोजर की राजनीति से न्याय नहीं, बल्कि अन्याय और डर का माहौल बनाया जा रहा है।
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