बाबा को जेल : 17 छात्राओं से शोषण का आरोपी चैतन्यानंद 24×7 निगरानी में, जानें कैसी है हालत, अभी-अभी आया ताज़ा अपडेट

दिल्ली के SRISIIM इंस्टीट्यूट में 17 छात्राओं से यौन शोषण और धोखाधड़ी के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा। उसे आगरा से गिरफ्तार कर रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद सीधा वसंत कुंज नॉर्थ थाने लाया गया।

थाने में आते ही चैतन्यानंद ने शाम को फल और खाने-पीने का सामान मांगा। पुलिस ने उसे फल और पानी उपलब्ध कराया। इसके बाद DCP, ACP और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों ने करीब दो घंटे तक उससे पूछताछ की, लेकिन हर बार उसने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया। पूछताछ पूरी होने के बाद उसे लॉकअप में डाल दिया गया, जहां CCTV से लगातार निगरानी की जा रही है। फिलहाल उसे एक चादर और कंबल दिया गया है और सुरक्षा के लिए 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात हैं।

बताया जा रहा है कि चैतन्यानंद पिछले दो महीने से पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए भाग रहा था। इस दौरान वह मथुरा में साधु-संतों के बीच छिपकर रह रहा। गिरफ्तारी के वक्त पुलिस को उसके पास से एक iPad भी मिला, जिसमें संस्थान के सभी CCTV कैमरे लिंक थे। हैरानी की बात यह है कि उसने गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम तक में हिडन कैमरे लगवा रखे थे, जिनकी लाइव फीड सीधे उसके मोबाइल पर आती थी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने फोन का पासवर्ड तो दे दिया लेकिन iPad का पासवर्ड बताने से इनकार कर दिया। इसे अब जांच के लिए FSL भेजा गया है। जांच में सामने आया है कि संस्थान की तीन महिला अधिकारी – श्वेता, भावना और काजल – भी उसकी मदद कर रही थीं। पुलिस अब इनसे भी सख्त पूछताछ करने की तैयारी में है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के समय चैतन्यानंद विदेश में था। वापस लौटने के बाद उसे पता चला कि पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है, जिसके बाद वह जरूरी कागजात लेकर फरार हो गया। छिपने के दौरान उसने करीब 15 अलग-अलग होटल बदले, जिनकी लिस्ट अब पुलिस खंगाल रही है।

पुलिस को आरोपी की रिमांड की ज़रूरत क्यों पड़ी?

  • पीड़ित छात्राओं के बयान और डिजिटल साक्ष्यों का आमना-सामना कराना
  • मोबाइल, डिजिटल कंटेंट और डिलीट किए गए व्हाट्सऐप डेटा को बरामद करना
  • साजिश में शामिल सहयोगियों की पहचान और गिरफ्तारी
  • साक्ष्यों से छेड़छाड़ और गवाहों पर दबाव डालने से रोकना
  • आरोपी के वित्तीय और विदेशी संबंधों का पता लगाना
  • संस्थान में घटनास्थल का पॉइंटिंग-आउट मेमो तैयार करना
  • अध्यक्ष/कुलपति पद का दुरुपयोग साबित करना 

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