
- प्राइवेट स्कूल संचालकों ने हिसार में बुलाई बैठक
चंडीगढ़। हरियाणा में शिक्षा के अधिकार के तहत होने वाले दाखिलों की जानकारी सार्वजनिक नहीं करने पर सरकार ने 2,808 निजी स्कूलों का एमआईएस पोर्टल पर खाता बंद कर दिया है। शिक्षा विभाग के इस फैसले ने निजी स्कूल संचालक जहां असमंजस में हैं वहीं हजारों विद्यार्थियों की दाखिला प्रक्रिया रूक गई है।
निजी स्कूल संचालकों का तर्क है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 14 वर्ष की आयु तक बच्चा कभी भी दाखिला ले सकता है लेकिन पोर्टल बंद होने से बच्चे उक्त 2808 स्कूलों में दाखिला नहीं करवा पा रहे हैं। निजी स्कूल संचालकों का तर्क है कि विभाग ने 25 प्रतिशत सीटों का ब्यौरा नहीं देने के कारण एमआईएस पोर्टल बंद किया है जबकि इससे प्रभावित अन्य 75 फीसदी बच्चे भी हो रहे हैं। जिनका इस आरक्षण से कोई सरोकार नहीं है। क्योंकि 75 प्रतिशत सीटों पर यह नियम लागू नहीं होता है।
शिक्षा विभाग इस संबंध में आजतक कोई ठोस गाइडलाइन तय नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में होने वाले सभी दाखिलों की जानकारी सरकार के पास होती है। इसके बावजूद 25 फीसदी खाली सीटों की जानकारी मांगकर स्कूलों को बिना वजह परेशान किया जाएगा।
प्राइवेट स्कूल संघ ने एक अक्टूबर को हिसार के बरवाला में प्रदेश कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण मीटिंग बुलाई है। संघ के अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने रविवार को बताया कि बैठक में मांगो पर विचार विमर्श कर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। प्राइवेट स्कूल संघ के प्रांतीय सचिव प्रदीप पूनिया ने बताया कि इस मीटिंग में मुख्य रूप से हजारों स्कूलों के बंद पड़े एमआईएस पोर्टल को खुलवाने, अस्थाई व अन्य सभी केटेगरी के स्कूलों की मान्यता के स्थाई समाधान बारे, स्कूल सोसायटियों पर लगाए गए जुर्माने को माफ करवाने,नियम 134 ए की कक्षा दूसरी से आठवीं की बकाया राशि व नौवी से बारहवीं का 10 वर्षों का पैसा फार्म न छह के अनुसार स्कूलों को दिलवाने जैसी मांगों पर मंथन किया जाएगा।