
शिमला। हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण से जुड़े नक्शों और नियमों का मामला आगामी कैबिनेट बैठक में फिर चर्चा के लिए लाया जाएगा। कैबिनेट में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को कोई दिक्कत न आए। नियमों के अनुसार, नदी-नालों के किनारे किसी को भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के नक्शे तैयार करने की जिम्मेदारी सर्वेयर या संबंधित एजेंसी को दी जा सकती है।
गांव में जमीन खरीदकर भवन या व्यावसायिक गतिविधि करने वाले व्यक्ति को नियमों के तहत ही निर्माण करना होगा। पंचायत क्षेत्रों में 500 वर्ग मीटर से छोटे प्लॉट पर मकान बनाने के नियम सरल बनाए जाएंगे। यह कदम हिमाचल प्रदेश में हाल की प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें नदी-नालों के किनारे बने भवनों को भारी नुकसान हुआ और कई लोगों की जान गई। पिछली कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव आया था, लेकिन विस्तारपूर्वक चर्चा नहीं हो पाई थी। ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए विशेष प्रस्ताव और नियम तैयार कर लिए हैं, और अब बैठक में आवश्यक संशोधन पर विचार किया जाएगा।
राजस्व मामलों में लोक अदालतों से 4.33 लाख मामलों का निपटारा
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रदेश सरकार ने लंबित राजस्व मामलों को निपटाने के लिए राजस्व लोक अदालतों की शुरुआत की है। ये लोक अदालतें उप-तहसील और तहसील स्तर पर नियमित रूप से आयोजित हो रही हैं। अक्टूबर 2023 से अगस्त 2025 तक 4,33,242 से अधिक राजस्व मामले निपटाए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 अक्टूबर 2023 से विशेष अभियान के तहत लोक अदालतों की शुरुआत की गई थी, जो अब हर महीने के अंतिम दो दिनों में नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं। यह पहली बार है जब किसी राज्य सरकार ने राजस्व मामलों के निपटारे के लिए लोक अदालत का स्थायी प्रावधान किया है।