
Sitapur : बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अखिलेश प्रताप सिंह पर उनके दफ्तर में बेल्ट से हमला करने के आरोप में जेल भेजे गए प्रधानाध्यापक बृजेंद्र कुमार वर्मा की तरफ से मैदान में पूर्व पालिकाध्यक्ष तथा अधिवक्ता आशीष मिश्र ने मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने आरोपी शिक्षक को पीटने वालों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए एक पत्र कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को दिया है।
बता दें कि बीएसए के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद BSA और उनके सहयोगियों पर पलटवार किया गया था। जिसमें आरोपी शिक्षक को भी बुरी तरह से पीटा गया, जबकि उसने भी अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही थी। जब उसकी नहीं सुनी गई और उसे जेल भेज दिया गया, तो आज शुक्रवार को अधिवक्ता आशीष मिश्र मैदान में कूद पड़े।

दिए गए पत्र में मुख्य आरोप
जारी इस पत्र में दावा किया गया है कि BSA अखिलेश प्रताप सिंह पर हुए हमले के बावजूद, बृजेंद्र कुमार वर्मा पर हुए हमलों, मारपीट, मानसिक उत्पीड़न और अन्य आपराधिक कृत्यों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जो “पक्षपात और अन्यायपूर्ण” है।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि BSA कार्यालय में:
- बृजेंद्र कुमार वर्मा पर जानलेवा हमला किया गया।
- उन्हें खतरनाक हथियारों से चोटें पहुंचाई गईं और मानसिक उत्पीड़न किया गया।
- उन पर गैर-कानूनी कार्य करने के लिए दबाव डाला गया।
पत्र में यह भी ज़िक्र है कि इस पूरी घटना के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे सीसीटीवी फुटेज, वायरल ऑडियो, चोटिल फोटो और चिकित्सकीय परीक्षण से यह साबित होता है।
BSA पर कार्रवाई की मांग
पत्र में कहा गया है कि इस पूरे प्रकरण में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह और सीसीटीवी फुटेज से पहचान किए जा सकने वाले आठ-दस अज्ञात हमलावरों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
पूरे विवाद की पृष्ठभूमि
प्राथमिक विद्यालय नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र कुमार वर्मा को BSA अखिलेश प्रताप सिंह ने एक विभागीय शिकायत पर स्पष्टीकरण के लिए कार्यालय बुलाया था। रिपोर्टों के अनुसार यह विवाद कथित तौर पर एक महिला शिक्षक की अनियमित उपस्थिति और उसकी हाजिरी लगाने के दबाव से जुड़ा था। बातचीत के दौरान तनाव बढ़ने पर वर्मा ने BSA पर बेल्ट से हमला कर दिया। BSA ने पुलिस को बुलाने के लिए फ़ोन उठाया, तो वर्मा ने वह भी तोड़ दिया। इस दौरान बीच-बचाव करने आए एक लिपिक (क्लर्क) के साथ भी मारपीट की गई थी।
BSA की शिकायत पर प्रधानाध्यापक वर्मा को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया। वर्मा की पत्नी और समर्थकों ने पहले ही BSA पर महिला शिक्षक का पक्ष लेने और वर्मा पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था। अब यह नया पत्र इस पूरे मामले को एक नया मोड़ दे रहा है, जिसमें BSA पक्ष पर भी पलटवार करते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।
इस पूरे मामले में अब दोनों पक्षों के आरोपों की निष्पक्ष जांच और सीसीटीवी फुटेज की पूरी सच्चाई सामने आने का इंतजार है।










