
चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो गया है। सबसे पहले दिवंगत शख्सियतों को श्रद्धांजलि दी गई, उसके बाद सदन को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बताया कि सत्र में जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल बाढ़ से हुए नुकसान पर प्रस्ताव पेश करेंगे। इस पर पक्ष और विपक्ष दोनों चर्चा करेंगे।
सत्र दोबारा शुरू होने पर स्पीकर कुलतार संधवां ने कहा कि बाढ़ का कारण सही प्रबंधन का अभाव और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन है। उन्होंने बीबीएमबी (भाखड़ा बीयास मैनेजमेंट बोर्ड) पर नियंत्रण की आवश्यकता पर जोर दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, गाद और ग्लोबल वार्मिंग भी बाढ़ के कारणों में शामिल हैं।
बरिंदर गोयल ने कहा कि भाखड़ा-ब्यास का पूरा नियंत्रण सरकार के पास होना चाहिए ताकि पानी छोड़ने या रोकने जैसे अहम फैसले समय पर किए जा सकें। उन्होंने कहा कि कई बार बीबीएमबी की जिद या मनमानी की वजह से निर्णय लेने में देरी होती है।
गोयल ने केंद्र पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 10 लाख क्यूसेक पानी खड्डों और नालों में आया, जिससे धुस्सी बांध ओवरफ्लो हुए और बाढ़ आई। इसके बावजूद केंद्र ने पंजाब को दोषी ठहराया। पीएम मोदी ने देरी से दौरा किया और केवल 1600 करोड़ रुपये मदद के रूप में दिए। गोयल ने कहा कि हरियाणा और राजस्थान ने बाढ़ के समय पानी लेने से इंकार किया, लेकिन केंद्र को पंजाब की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा ने कहा कि मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। 2023 की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब को केंद्र से एसडीआरएफ के 9000 करोड़ रुपये मिले, जो सही शेयर मिल जाने पर 12,000 करोड़ के करीब हो सकते थे। बाजवा ने कहा कि केंद्र और पंजाब के बीच आरोप-प्रत्यारोप के कारण आम जनता को नुकसान हुआ।










