
जयपुर : राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव को लेकर सियासी संग्राम तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शहरी निकाय चुनाव टालना लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए भाजपा सरकार पर संवैधानिक अपमान का आरोप लगाया।
गहलोत के बयान पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पलटवार किया। पटेल ने कहा कि गहलोत अपनी पार्टी में हाशिए पर जाने से हताश हैं और सिर्फ सुर्खियों में रहने के लिए नेगेटिव बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत और निकाय संस्थाओं को कमजोर करने का काम गहलोत सरकार में हुआ था।
मंत्री पटेल ने दावा किया कि भजन लाल सरकार पूरी तरह तैयार है और वार्ड पुनर्गठन से लेकर सीमांकन तक का काम पूरा हो चुका है। देरी का कारण सिर्फ संवैधानिक बाध्यताएं और ओबीसी कमीशन का डेटा कलेक्शन है।
उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीख तय करना निर्वाचन आयोग का अधिकार है और सरकार किसी तरह की देरी नहीं कर रही। पटेल ने गहलोत पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया और उन्हें बहस की खुली चुनौती दी।










