
देहरादून: यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) पेपर लीक मामले में उच्च शिक्षा विभाग ने गंभीर कदम उठाया है। उच्च शिक्षा विभाग ने परीक्षा के प्रश्न पत्र को हल करने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबित कर दिया है। उन्हें प्रारंभिक जांच में पेपर लीक में भूमिका निभाने का प्राथमिक आरोपी पाया गया है।
21 सितंबर को आयोजित यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा में हरिद्वार के एक केंद्र से प्रश्न पत्र के तीन पृष्ठ लीक हो गए थे। इससे पहले ही सेंटर में निगरानी में लापरवाही बरतने पर सेक्टर मजिस्ट्रेट को निलंबित किया जा चुका है। अब असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के निलंबन के आदेश भी जारी किए गए हैं।
सुमन राजकीय महाविद्यालय अगरौड़ा, टिहरी गढ़वाल में इतिहास की प्रोफेसर हैं। जांच में सामने आया कि परीक्षा केंद्र से खालिद नाम के युवक ने प्रश्न पत्र की फोटो बाहर भेजी, जिसे बाद में सुमन को उपलब्ध कराया गया। खालिद ने पेपर अपने साथ लेकर वॉशरूम में जाकर तीन पृष्ठ की फोटो अपनी बहन साबिया को भेजी, और साबिया ने इसे सुमन को दिया। आरोप है कि सुमन ने प्रश्न पत्र प्रशासन को नहीं दिया, बल्कि इसे वायरल कराने के लिए उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार को भेजा।
इस मामले में पुलिस ने साबिया और खालिद को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक केएन तिवारी को भी निलंबित किया गया है, क्योंकि उन्होंने परीक्षा केंद्र की सुचिता सुनिश्चित करने में लापरवाही बरती। सरकार ने एसआईटी का गठन किया है, जो रिटायर्ड जज की निगरानी में मामले की जांच करेगा।
असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबन के दौरान उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी में संबद्ध किया गया है। आदेश में कहा गया है कि उनका यह तृतीय अमर्यादित और अस्वीकार्य कार्य राज्य सरकार की छवि के लिए हानिकारक है। उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई समाप्त होने तक निलंबन जारी रहेगा।
इस मामले में अब स्पष्ट हुआ है कि सुमन पहले से ही प्रश्न पत्र भेजने वाले खालिद के संपर्क में थी और खालिद ने उसे प्रश्न पत्र हल करने के लिए प्रेरित किया था। पेपर लीक मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।











