Bahraich : नेपाल की मोटरबोट घाघरा बैराज में फंसी, पुलिस और वन विभाग ने शुरू की जांच

Mihipurwa, Bahraich : थाना सुजौली क्षेत्र अंतर्गत चौधरी चरण सिंह घाघरा बैराज पर बुधवार की सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब बैराज के अपस्टीम गेट में नेपाल निर्मित एक मोटरबोट फंसी हुई दिखाई दी। अचानक नदी में विदेशी स्टीमर दिखाई देने से ग्रामीणों की भीड़ मौके पर उमड़ पड़ी और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

बैराज कर्मचारियों ने मामले की जानकारी तत्काल उच्च अधिकारियों के साथ ही वन विभाग और स्थानीय पुलिस को दी। सूचना मिलते ही कतर्नियाघाट रेंज की वन विभाग की टीम और थाना प्रभारी सुजौली पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। बैराज के गेट संख्या 14 के बीच फंसी मोटरबोट को काफी मशक्कत के बाद खींचकर किनारे लाकर बांध दिया गया।

थानाध्यक्ष प्रकाश चंद्र शर्मा ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल शुरू की और पूरी घटना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। वहीं कतर्नियाघाट रेंज के वन क्षेत्राधिकारी आशीष गौंड भी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और नाव की जांच की। वन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम मोटरबोट की जांच में जुटी हुई है।

बैराज प्रभारी नितिन यादव ने बताया कि सुबह बैराज कर्मचारियों ने सूचना दी थी कि अपस्टीम के गेट संख्या 14 में एक 11-सीटर मोटरबोट फंसी हुई है। जब स्टीमर नजदीक से देखा गया तो उस पर “मेड इन नेपाल” लिखा मिला।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मोटरबोट नेपाल से नदी में पानी के साथ बहकर आई है या फिर किसी अन्य माध्यम से बैराज तक पहुंची। न ही यह साफ हो पाया है कि नाव को किस उद्देश्य से नदी में छोड़ा गया। जांच एजेंसियां इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही हैं, क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्र होने की वजह से सुरक्षा दृष्टि से यह घटना महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि अचानक बैराज पर नेपाली मोटरबोट देखना चौंकाने वाला था। उनका कहना है कि यदि यह नाव नदी में पानी के साथ आई भी है, तो भी यह गंभीर सवाल खड़ा करता है कि इतनी बड़ी नाव सीमा पार से बिना किसी निगरानी के कैसे यहां तक पहुंच गई, जबकि एसएसबी की कई चौकियां नदी के समीप ही हैं और वन विभाग की लगातार गस्त होती रहती है।

वहीं सुरक्षा एजेंसियां और वन विभाग का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। पुलिस मोटरबोट को कब्जे में लेकर सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।

घटना के बाद से ही बैराज क्षेत्र और आसपास के गांवों में चर्चा का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है। फिलहाल पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

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