
Maharajganj : सदर ब्लॉक के बीडीओ साहब! आखिर आप किस नजर से देखते हैं विकास को। आपके ऑफिस से सटे लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए वाटर एटीएम वर्षों से खराब हैं, लेकिन इस गंभीर समस्या पर आपकी नजर नहीं पड़ी। यह सवाल उठता है कि जब आप अपने ब्लॉक परिसर के अंदर लगे वाटर एटीएम को ठीक नहीं करा सकते, तो गांव में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का क्या हाल होगा। इससे लगने लगा है कि सदर ब्लॉक के गांवों में विकास की स्थिति बद से बदतर हो गई है।
दैनिक भास्कर टीम ने ब्लॉक परिसर में आम लोगों को मिलने वाली सुविधाओं की पड़ताल की। ब्लॉक के जिम्मेदारों की पोल खुल गई। ब्लॉक के गेट पर बने शौचालय से उठ रही दुर्गंध ने माहौल को दूषित कर दिया है। वहीं वर्षों से खराब वाटर एटीएम से पानी न मिलने से आमजन की हलक सूख रही है।
परिसर में किसी काम से आए बागापार के नीरज, विजय और चेतेश्वर ने कहा कि ब्लॉक में आमजन की कोई सुविधा नहीं है। उन्हें दुकानों पर जाकर पानी पीकर प्यास बुझानी पड़ती है। बौलिया के रामलाल और जोखन ने कहा कि यह एटीएम सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है। चेहरी के बनारसी और बुद्धि राम ने जिम्मेदारों को खूब कोसा। उनका कहना है कि मरम्मत का पैसा निकाल लिया गया, लेकिन वाटर एटीएम को वैसे ही छोड़ दिया गया।
यहां बता दें कि कभी आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाखों रुपये की लागत से बनाया गया यह एटीएम अब शोपीस बनकर रह गया है। वर्षों से इसकी मरम्मत नहीं हुई और टोंटियां खराब हो चुकी हैं।
शुद्ध पानी के लिए तरस रहे लोग
लोगों का कहना है कि जब यह वाटर एटीएम लगाया गया था, तब उम्मीद थी कि गर्मी के मौसम में कार्यालय आने-जाने वालों को शुद्ध पानी मिलेगा। शुरुआत में कुछ समय तक यह एटीएम सुचारू रूप से चला, लेकिन धीरे-धीरे इसकी देखरेख में लापरवाही बरती गई। न तो नियमित सफाई हुई और न ही तकनीकी खराबियों को ठीक किया गया। नतीजा यह हुआ कि टोंटियां जंग खा गईं, डिस्पेंसर बंद हो गया और पूरी मशीन बेकार हो गई।
इस एटीएम की स्थापना के समय प्रशासन ने इसे मॉडल प्रोजेक्ट बताया था। नागरिकों ने कई बार इसकी मरम्मत की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि आखिर जनता के पैसे से बने ऐसे प्रोजेक्ट्स की जवाबदेही कौन तय करेगा।
इनकी भी सुनिए
दैनिक भास्कर संवाददाता ने खराब पड़े वाटर एटीएम के संबंध में ब्लॉक के एडीओ पंचायत सुरेश चंद्र कन्नौजिया से बात की। उन्होंने पहले कहा कि इसे बनाने की जिम्मेदारी क्षेत्र पंचायत की है। फिर उन्होंने बीडीओ के माथे पर ठिकरा फोड़ा। उन्होंने कहा, हमें नहीं पता कि इसे कौन बनाएगा। बड़े बाबू मारकंडेय पटेल से बात कीजिए।
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