Navratri 2025 : दक्षिणेश्वर काली मंदिर में दर्शन करने से मां पूरी करती है मुरादें, ‘भवतरिणी’ के रूप में विराजमान हैं माँ काली

Navratri 2025 : कोलकाता से कुछ ही दूरी पर, गंगा नदी के पूर्वी तट पर स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर (Dakshineshwar Kali Temple) देशभर में अपनी धार्मिक महत्ता, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक पहचान के लिए प्रसिद्ध है। मां काली को समर्पित यह मंदिर न सिर्फ श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र है, बल्कि बंगाल की विरासत का प्रतीक भी है।

मंदिर का इतिहास है पुराना

दक्षिणेश्वर मंदिर की स्थापना 19वीं सदी में रानी रासमणि ने की थी। मान्यता है कि रानी ने वाराणसी जाकर मां काली की पूजा का मन बनाया, लेकिन देवी के सपने में उन्हें आदेश मिला कि वे गंगा किनारे एक भव्य मंदिर बनवाएं। रानी ने करीब 20 एकड़ भूमि खरीदी और 1847 में मंदिर निर्माण शुरू हुआ। आठ वर्षों की मेहनत के बाद, 31 मई 1855 को इसका उद्घाटन हुआ, जिसमें एक लाख से अधिक ब्राह्मणों को आमंत्रित किया गया था।

गर्भगृह में देवी काली ‘भवतरिणी’ के रूप में हैं विराजमान

यह मंदिर बंगाली नव-रत्न शैली की वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्य मंदिर तीन मंजिला है और इसके ऊपर नौ शिखर बने हैं। गर्भगृह में देवी काली “भवतरिणी” के रूप में विराजमान हैं, जो भगवान शिव के वक्ष पर खड़ी दिखाई देती हैं। यहां की मूर्ति एक हजार पंखुड़ियों वाले चांदी के कमल पर स्थापित है, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाता है।

मंदिर के चारों ओर 12 छोटे शिव मंदिर बने हैं, जिनमें काले पत्थर से बने शिवलिंग स्थापित हैं। इसके अतिरिक्त, परिसर में राधा-कृष्ण का भी एक सुंदर मंदिर मौजूद है।

यहां संत श्रीरामकृष्ण परमहंस ने 14 साल तक की थी तपस्या

यह मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना का भी केंद्र है। यहाँ संत श्रीरामकृष्ण परमहंस ने 14 साल तक तपस्या की थी। पंचवटी, बकुलतला घाट और नहबात खाना जैसी जगहें उनके जीवन और आध्यात्मिक यात्रा की झलक प्रस्तुत करती हैं। रानी रासमणि ने इस मंदिर को सभी धर्म और जाति के लिए खोल रखा था, इसलिए आज भी यहां हर व्यक्ति शांति और सुकून पाने आता है।

दक्षिणेश्वर मंदिर तक पहुंचना बेहद आसान है। यह कोलकाता रेलवे स्टेशन से लगभग 14 किलोमीटर दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन कोलकाता रेलवे स्टेशन है। सबसे नजदीकी हवाई अड्डा नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो यहां पहुंचने का प्रमुख माध्यम है।

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