मैं नोबेल पुरस्कार का हकदार हूं….भारत-पाक युद्ध खत्म करने का क्रेडिट लेते हुए क्या बोले ट्रंप?

International News: संयुक्त राष्ट्र के मंच पर ट्रंप ने कहा कि अगर उनकी कोशिश न होती तो भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा युद्ध छिड़ सकता था। उन्होंने इसे अपनी कूटनीतिक जीत बताया। ट्रंप ने कहा कि इस संघर्ष को खत्म कर हजारों जानें बचाई गईं। उन्होंने जोड़ा कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए, चाहे वह मिले या न मिले। उनका यह दावा तुरंत अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आ गया।

भारत का अलग रुख साफ 

भारत ने ट्रंप के इस बयान को मानने से इनकार किया है। भारत का कहना है कि उसने ऑपरेशन सिंदूर को अपनी रणनीति और पाकिस्तान की मांग के आधार पर रोका। भारत ने साफ किया कि किसी तीसरे पक्ष के दबाव में कोई फैसला नहीं लिया गया। इस स्वतंत्र रुख के कारण अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कई अतिरिक्त टैरिफ भी लगा दिए।

पाकिस्तान का समर्थन मिलता दिखा

पाकिस्तान ने ट्रंप के दावे का स्वागत किया और कहा कि उन्होंने युद्ध टालने में भूमिका निभाई। पाकिस्तानी नेताओं ने तो यहां तक कहा कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। हालांकि, हाल ही में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने खुद माना कि भारत तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी के खिलाफ है। इस बयान ने पाकिस्तान की बातों को कमजोर कर दिया।

कश्मीर से शुरू हुई भिड़ंत

यह संघर्ष मई में तब शुरू हुआ था जब कश्मीर में आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त कार्रवाई की। जवाब में पाकिस्तान ने भी मोर्चा खोला और हालात बिगड़ते गए। उस समय तनाव इतना बढ़ गया कि दुनिया को आशंका थी कि कहीं परमाणु टकराव न हो जाए। ऐसे माहौल में अमेरिका ने व्यापारिक दबाव और कूटनीतिक संदेशों के जरिए दोनों देशों को पीछे हटने के लिए कहा। यही ट्रंप का बड़ा दावा है।

सात युद्धों की गिनती

ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि उन्होंने कुल सात युद्ध खत्म करवाए हैं। उन्होंने इसमें भारत-पाक संघर्ष के साथ-साथ इज़रायल-ईरान, मिस्र-सूडान, रवांडा-कांगो, आर्मेनिया-अज़रबैजान और कंबोडिया-थाईलैंड के तनाव का भी जिक्र किया। हालांकि उनके दावों की गिनती कभी 6, कभी 11 तक भी पहुंच चुकी है। विरोधियों का कहना है कि ट्रंप अपने भाषणों में संख्याओं को अपनी सुविधा के हिसाब से बदलते रहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र पर किया कटाक्ष

ट्रंप ने यह भी कहा कि ये सब काम संयुक्त राष्ट्र को करना चाहिए था, लेकिन उसने जिम्मेदारी नहीं निभाई। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने अकेले दम पर युद्ध टालने का काम किया। उनके इस बयान से संयुक्त राष्ट्र महासभा में हलचल मच गई। कई देशों के प्रतिनिधि चुपचाप सुनते रहे तो कुछ ने समर्थन भी जताया। ट्रंप का भाषण एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया।

भविष्य की राजनीति पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के ऐसे दावे उनकी चुनावी राजनीति का हिस्सा हैं। भारत और पाकिस्तान के मामले में उनका बयान दोनों देशों के रिश्तों पर असर डाल सकता है। भारत ने हमेशा कहा है कि वह किसी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी नहीं चाहता। ऐसे में ट्रंप के दावे भारत के लिए असहज स्थिति बना सकते हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में भारत और अमेरिका इस मुद्दे पर कैसे तालमेल बिठाते हैं।

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