कोचीन शिपयार्ड का कोरियाई कंपनी और तमिलनाडु सरकार से समझौता,बनेगा अत्याधुनिक शिपयार्ड, हजारों रोजगार सृजित होंगे

नई दिल्ली : देश में जहाज निर्माण करने वाली अग्रणी कंपनी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत दक्षिण कोरिया की एचडी शिपबिल्डिंग एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग (एचडी केएसओई) और तमिलनाडु सरकार की नोडल एजेंसी ‘गाइडेंस’ के साथ समझौते किए। इससे देश में उन्नत तकनीक का हस्तांतरण, बड़े जहाजों का निर्माण, निवेश, आधुनिक शिपयार्ड बनेगा और बड़े स्तर पर रोजगार का रास्ता तैयार होगा।

केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के अनुसार, एचडी केएसओई के साथ समझौते पर “समुद्र से समृद्धि- भारत के समुद्री क्षेत्र में परिवर्तन” कार्यक्रम से एक दिन पहले 19 सितंबर को हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत सीएसएल के 310 मीटर लंबे ड्राई डॉक का उपयोग स्वेजमैक्स टैंकर, कंटेनर जहाज और केपसाइज बल्क कैरियर जैसे बड़े जहाजों के निर्माण के लिए किया जाएगा। इस ड्राई डॉक का उद्घाटन जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री ने किया था।

सीएसएल ने कोच्चि में 80 एकड़ क्षेत्र में ब्लॉक फैब्रिकेशन सुविधा (बीएफएफ) स्थापित करने की योजना बनाई है, जिसमें 3 हजार 7 सौ करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.2 लाख मीट्रिक टन होगी। परियोजना से लगभग 2 हजार प्रत्यक्ष और कई गुना अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन की संभावना है।

दोनों देशों की साझेदारी से ग्रीनफील्ड शिपयार्ड्स, कौशल विकास और नए व्यावसायिक अवसरों की पहचान भी की जाएगी। यह सहयोग ‘मैरीटाइम इंडिया विजन 2030’ और ‘अमृत काल विजन 2047’ के तहत भारत को वैश्विक जहाज निर्माण केंद्र बनाने में अहम योगदान देगा।

तमिलनाडु में सीएसएल और गाइडेंस के बीच हुए समझौते के तहत 15 हजार करोड़ रुपए के ग्रीनफील्ड निवेश से अत्याधुनिक शिपयार्ड की स्थापना की जाएगी। परियोजना के पहले चरण में 10 हजार रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिसमें 4 हजार प्रत्यक्ष और 6 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार होंगे। शिपयार्ड में जहाज मरम्मत की आधुनिक सुविधाएं भी शामिल की जा सकती हैं।

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