
I Love Mohammad Protest : देशभर में आई “लव मोहम्मद” बैनर को लेकर उठी हलचल, अब बड़े राजनीतिक तूफान में बदल रही है। इस विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को हिला दिया है। मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इस मामले पर सरकार और पुलिस दोनों पर सीधा हमला बोलते हुए चेतावनी दी कि यदि समझदारी नहीं दिखाई गई तो देश का माहौल खतरनाक मोड़ पर पहुंच सकता है।
डॉ. हसन ने कहा, “आई लव मोहम्मद लिखना कोई अपराध नहीं है, कोई गैरकानूनी काम नहीं है। यह सिर्फ एक धार्मिक भावना का इज़हार है।” उन्होंने कहा कि “सिर्फ एक बैनर लगाने पर FIR दर्ज करना बेहद गलत और खतरनाक है। पुलिस चौकियों को भी यह सोचना चाहिए कि जो कर रहे हैं, उसका अंजाम कितना भयानक हो सकता है।”
मुसलमान मोहम्मद के नाम पर जान तक कुर्बान! पूर्व सांसद ने साफ शब्दों में कहा, “यह वह नाम है जिस पर मुसलमान अपनी जान तक कुर्बान कर सकता है। यदि इस नाम की बदनामी होगी तो न सिर्फ मुसलमान बल्कि हमारे हिंदू भाई भी विरोध करेंगे। यह नाम किसी जात-पात का नहीं बल्कि ईमान का प्रतीक है।” उन्होंने आरोप लगाया कि FIR दर्ज कराकर मुसलमानों को उकसाने की कोशिश की जा रही है, और यह सीधी-सीधी कट्टरता पैदा करने की साजिश है।
काशीपुर में 400 मुकदमे, डॉ. हसन का सवाल, “कितनों को जेल में डालोगे?” उन्होंने कहा, “जब मोहम्मद का नाम मुसलमान के लिए जान से भी प्यारा है, तो फिर कितनों को जेल में भरोगे? पूरा मुसलमान समाज मोहम्मद के नाम पर जेल जाने को तैयार है। जेलें भर जाएंगी, लेकिन मोहम्मद के नाम पर समझौता नहीं होगा।”
धार्मिक भावना से खेलना खतरनाक! डॉ. हसन ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से धार्मिक भावना से जुड़ा है, कोई अपराध नहीं। उन्होंने चेतावनी दी, “अगर जबरदस्ती इसे हिंदू-मुसलमान का रंग देने की कोशिश की गई, तो हालात विस्फोटक हो सकते हैं। देश का माहौल बिगड़ जाएगा और कट्टरता बढ़ेगी। सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों को मोहब्बत और समझदारी से हल करे।”
विपक्ष का हमला। विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगा रहा है कि वह “आई लव मोहम्मद” विवाद का इस्तेमाल धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए कर रही है। डॉ. हसन के बयान ने विपक्ष के सुर और तेज कर दिए हैं। बड़ी तस्वीर- “आई लव मोहम्मद” विवाद अब उत्तराखंड से लेकर यूपी तक फैल चुका है। जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन और मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। मुस्लिम समाज इसे अपनी धार्मिक आस्था से जुड़ा मुद्दा मानकर पीछे हटने को तैयार नहीं है।
सरकार और प्रशासन FIR दर्ज कर कानून-व्यवस्था का हवाला दे रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बता रहा है। हालात संवेदनशील हैं और किसी भी वक्त बड़ा टकराव हो सकता है। “आई लव मोहम्मद लिखना कोई क्राइम नहीं, FIR करना खतरनाक है।” यह नाम जान से भी प्यारा, मुसलमान मोहम्मद पर कुर्बान हो सकता है। काशीपुर में 400 मुकदमे, “कितनों को जेल में डालोगे?” मुसलमानों को उकसाने और माहौल खराब करने की साजिश। ऐसे मामले प्यार और मोहब्बत से सुलझने चाहिए, वरना हालात बिगड़ जाएंगे। यह मामला अब सिर्फ मुरादाबाद या काशीपुर का नहीं, बल्कि पूरे देश की सियासत को हिलाने वाली बन चुका है। सवाल यही है कि क्या इसे समझदारी और संवाद से शांत किया जाएगा या फिर यह धार्मिक टकराव की बड़ी आग में बदल जाएगी।
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