एयर इंडिया प्लेन क्रैश मामला: SC ने केंद्र सरकार, DGCA और इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो से मांगा जवाब, रिपोर्ट पर नाराजगी जताई

नई दिल्ली: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश मामले में सुप्रीम कोर्ट ने DGCA, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पायलट को जिम्मेदार ठहराने वाली टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि हादसे को 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अब तक केवल प्राथमिक रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में न तो हादसे का स्पष्ट कारण बताया गया है और न ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई सुझाव।

भूषण ने यह भी कहा कि जांच टीम में 5 सदस्य हैं, जिनमें 3 DGCA के अफसर हैं, जबकि DGCA खुद जांच के दायरे में है। यह स्थिति कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट उत्पन्न करती है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कांत ने कहा कि निष्पक्ष जांच जरूरी है, लेकिन इतनी सारी बातें पब्लिक डोमेन में क्यों होनी चाहिए। भूषण ने जवाब दिया कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) हर गलती रिकॉर्ड करता है और जानकारी छुपाना सही नहीं है। जस्टिस कांत ने कहा कि अभी जानकारी सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा।

भूषण ने दलील दी कि हादसे की असल वजह इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल्योर थी, दोनों इंजन बंद हो गए थे, लेकिन रिपोर्ट में केवल एक वाक्य ने नैरेटिव बदल दिया। इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि गोपनीयता जरूरी है, नहीं तो अफवाहें और गलत रिपोर्टिंग बढ़ेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले की जांच निष्पक्ष, स्वतंत्र और विशेषज्ञों की देखरेख में होनी चाहिए। अदालत ने संबंधित विभागों को नोटिस जारी किया है।

क्या है मामला:
गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान 12 जून 2025 को दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस भयानक हादसे में 260 से अधिक लोग मारे गए। प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है।

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