
नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी 2.0 के तहत किए गए सुधार 22 सितंबर, नवरात्र के पहले दिन से प्रभावी हो गए हैं। नए बदलावों से विशेष रूप से कृषि और डेयरी क्षेत्र को लाभ मिलने की उम्मीद है। उद्योग जगत ने उर्वरक, जैव कीटनाशक, कृषि उपकरण और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी दरों में कटौती का स्वागत किया है, जिसे बढ़ती इनपुट लागत और मौसम की अनिश्चितताओं से जूझ रहे किसानों के लिए राहत माना जा रहा है।
किसानों और उपभोक्ताओं को सीधा लाभ
गोदरेज एग्रोवेट के सीईओ सुनील कटारिया के अनुसार उर्वरक और जैव कीटनाशकों पर जीएसटी कमी किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले कृषि समाधान उपलब्ध कराने में मदद करेगी और उनकी आय बढ़ाएगी। डेयरी उत्पादों पर कर घटाकर 5 प्रतिशत करने से किसानों की सामर्थ्य बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को किफायती और पौष्टिक दूध उपलब्ध होगा।
सीएनएच इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर मित्तल ने कृषि उपकरणों और उनके कलपुर्जों पर जीएसटी घटाने का स्वागत किया। उनका कहना है कि इससे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य मशीनें अधिक सस्ती होंगी, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा मिलेगा।
डेयरी उद्योग में बड़ा प्रभाव
कम्पाउंड लाइवस्टॉक फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिव्य कुमार गुलाटी ने कहा कि इस कदम से देश के 8 करोड़ डेयरी किसानों को फायदा होगा। यूएचटी दूध को कर-मुक्त कर दिया गया है, जबकि मक्खन, घी, पनीर, कंडेंस्ड दूध और आइसक्रीम जैसे उत्पादों पर कर 12–18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे ग्रामीण आय बढ़ेगी और पशु देखभाल तथा चारे में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
सुधारों से डेयरी उद्योग में मांग बढ़ेगी और किसानों की आय स्थिर होगी। मंत्रालय ने कहा कि यह बदलाव छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, और 2023–24 में इसका उत्पादन 239 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है। नए जीएसटी सुधार कृषि और डेयरी उत्पादकता बढ़ाने, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।