नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव या फिर बीजेपी, बिहार में किसको नुकसान पहुंचाएंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद?

पटना: बिहार की सियासत में नया हलचल मच गया है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा की है कि वे इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। इसके साथ ही वे गौ रक्षा और सनातनी विचारधारा को चुनावी एजेंडा बनाएंगे।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस समय बिहार में गौ मतदाता संकल्प यात्रा निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक दल गौ रक्षा के लिए गंभीर नहीं हैं, इसलिए हर विधानसभा क्षेत्र में गौ-रक्षक उम्मीदवार को उतारा जाएगा।

शंकराचार्य ने कहा, “हमने आजादी की लड़ाई इसलिए लड़ी थी कि गौहत्या पर प्रतिबंध लगे, लेकिन 80 साल में यह नहीं हुआ। हमारा घर और हमारी प्राथमिकता गाय है। आज नहीं तो कल देश में गौ भक्तों की सरकार बनेगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि देश में सनातनी विचारधारा की कोई राजनीतिक पहचान नहीं है, जबकि विदेशी विचारधाराओं की राजनीति को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सनातनी राजनीति की शुरुआत जरूरी है।

विश्लेषकों का मानना है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के उम्मीदवारों का चुनावी मैदान में उतरना एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। खासकर एनडीए को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे पर मुखर रहती है। सीमांचल और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भी वोटिंग पैटर्न प्रभावित हो सकता है।

बिहार की सियासत अब गौ रक्षा और सनातनी राजनीति के इर्द-गिर्द घूमती नजर आ रही है, और आने वाले दिनों में इस ऐलान का चुनावी असर साफ दिखने वाला है।

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