
Congress MP Rahul Gandhi : सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री एवं अधिवक्ता नृपेन्द्र पाण्डेय ने हाल ही में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने एमपीएमएलए मामलों के विशेष मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा के न्यायालय में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। यह मामला मुख्य रूप से 15 जनवरी 2025 को कांग्रेस मुख्यालय, नई दिल्ली के लोकार्पण के दौरान राहुल गांधी द्वारा दिए गए कथित राष्ट्र-विरोधी बयान से जुड़ा है।
शिकायत के अनुसार, राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम में कहा था कि वह भारत के खिलाफ लड़ रहे हैं। अधिवक्ता का तर्क है कि इस बयान का अर्थ है कि कांग्रेस पार्टी भारतीय गणराज्य के विरुद्ध कार्य कर रही है, जो राष्ट्र के खिलाफ एक गंभीर बयान है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बयान से भारत माता और देश के 140 करोड़ लोगों का अपमान हुआ है।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि यह बयान देश को तोड़ने और अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा है। अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य के खिलाफ लड़ रहे हैं, जो देश की संप्रभुता और एकता पर हमला है। उनका यह बयान देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने का उद्देश्य रखता है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी के पहले के भाषणों और विवादों का हवाला देकर यह तर्क दिया गया है कि उनके कार्य और टिप्पणियां विदेशी और राष्ट्र-विरोधी शक्तियों के प्रभाव में आकर की गई हैं। आरोप है कि यह बयान जानबूझकर, सोची-समझी योजना के तहत देश को अस्थिर करने के लिए दिया गया है।
कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद प्रियंका वाड्रा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद के सी वेणु गोपालन और जयराम रमेश की मौन सहमति को भी इस मामले में शामिल किया गया है। अधिवक्ता का कहना है कि इन सभी का राहुल गांधी के बयान का विरोध न करना भी आरोप में शामिल होने के समान है।
अधिवक्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि राहुल गांधी की टिप्पणी को देश को विभाजित करने और उसकी संप्रभुता को ध्वस्त करने की साजिश के तहत किया गया है, और इसे जानबूझकर किया गया है। इस मामले में आगामी परीक्षण के लिए न्यायालय ने 1 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है, जिसमें राहुल गांधी के बयान के संबंध में आगे की कार्यवाही की जाएगी।