Sultanpur : गांव में रहस्यमयी मौत, CBCID जांच की उठी मांग

Sultanpur : कुड़वार थाना क्षेत्र के एक गांव की 18 वर्षीय बीए प्रथम वर्ष की छात्रा की संदिग्ध मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। छात्रा का शव 31 अगस्त की सुबह गांव के पास एक बाग में पेड़ से लटकता मिला था। परिजनों ने इसे आत्महत्या मानने से इंकार करते हुए अपहरण, दुष्कर्म और हत्या का आरोप गांव के ही युवकों पर लगाया है। वहीं, पुलिस की विवेचना और परिजनों के आरोपों में स्पष्ट विरोधाभास सामने आ रहा है।

परिजनों का आरोप

परिजनों का कहना है कि गांव के ही कुछ युवक छात्रा पर गलत नज़र रखते थे और कॉलेज आते-जाते समय अक्सर परेशान करते थे। विरोध करने पर उन्होंने धमकी दी थी कि तुम्हारा अंजाम सब देखेंगे। आरोप है कि इन्हीं लोगों ने वारदात को अंजाम दिया, लेकिन पुलिस ने अब तक उनसे पूछताछ तक नहीं की।

परिजनों ने थाना कुड़वार में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उनकी बेटी का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और फिर गला कसकर हत्या कर पेड़ से लटका दिया गया।

पुलिस का पक्ष

कुड़वार थानाध्यक्ष के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी लगाकर आत्महत्या बताया गया है। विवेचना के दौरान सामने आया कि छात्रा कई युवकों से मोबाइल पर बात करती थी। 30 अगस्त को वह घर से निकलने के बाद एक युवक से मिलने सुलतानपुर गई थी। पुलिस का दावा है कि वह उसे चिनहट अपने बहनोई के घर ले गया, जहां विवाह को लेकर बातचीत हुई। बाद में वह रात में छात्रा को गांव छोड़ गया। पुलिस के मुताबिक, मानसिक दबाव में आकर छात्रा ने आत्महत्या कर ली।

हालांकि, छात्रा की साइकिल कहां गई, इस पर पुलिस के पास अब तक कोई ठोस जवाब नहीं है।

राजनीति और आंदोलन

मामले में पुलिस की निष्क्रियता और विरोधाभासी जांच को लेकर समाज और विभिन्न राजनीतिक दलों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। समाजवादी पार्टी ने पीड़ित परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी। वहीं, परिजन और समाज के लोग लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं।

जनप्रतिनिधियों की पहल

समाज की अपील पर भाजपा के एक विधान परिषद सदस्य ने मृतका के परिवार को भरोसा दिलाते हुए मामले को गंभीरता से उठाया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर विवेचना सीबीसीआईडी को सौंपने की मांग की है।

अब निगाहें योगी सरकार पर

मौत की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं सकी है। एक ओर पुलिस आत्महत्या का दावा कर रही है, वहीं परिजन इसे सुनियोजित हत्या बता रहे हैं। समाज और राजनीतिक दल अब योगी सरकार से निष्पक्ष जांच और न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं। देखना है कि सरकार इस रहस्यमयी मौत की परतें कब और कैसे खोल पाती है।

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