इजरायली सेना के आगे घुटनों पर आया हमास, अब आमने-सामने की लड़ाई छोड़ गुरिल्ला वार नीति अपना रहा

Israel War : गाजा युद्ध को लगभग दो वर्ष हो चुके हैं, जिसमें अब तक 65 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस संघर्ष के बावजूद, साधन-संपन्न इजरायली सेना और वायुसेना अभी भी गाजा पट्टी के लगभग 400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर पूर्ण कब्जा नहीं कर सके हैं।

रणनीति में बदलाव के साथ, हमास अब इजरायली सेना का मुकाबला गुरिल्ला युद्ध शैली में कर रहा है। गाजा सिटी पर कब्जे के लिए जारी लड़ाई में, हमास के लड़ाके छोटे-छोटे समूहों में बंटकर अचानक हमला कर रहे हैं, जिससे इजरायली सेना के लिए उनसे निपटना कठिन हो गया है।

इजरायली सेना ने पिछले हफ्ते से जमीनी कार्रवाई शुरू की है, जबकि हवाई हमले अक्टूबर 2023 से ही जारी हैं। गाजा में लगभग छह लाख लोग मौजूद हैं, जिनमें से करीब 50,000 हमास और अन्य सशस्त्र संगठनों के लड़ाके हो सकते हैं। सुरंगों से भरे शहर में जमीनी लड़ाई जटिल होने के कारण, इजरायल ने इस लड़ाई को लंबा खींचने का फैसला किया है।

पूर्व में हमास के बड़े पदाधिकारी रहे वासेम अफीफा के अनुसार, अब हमास की रणनीति बदल चुकी है। दो वर्षों तक लड़ने के बाद, वह अब गुरिल्ला वार को अपना मुख्य तरीका बना चुका है। उसके लड़ाके खुद को बचाते हुए, अचानक हमले कर रहे हैं, जिससे संगठित सेना का मुकाबला करना कठिन हो गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि गाजा सिटी में यह लड़ाई लंबी खिंच सकती है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व निदेशक विलियम बर्न्स ने कहा है कि, “हमास की ताकत अब 2023 जैसी नहीं रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि, “अब वह 2023 जैसी बड़े हमले करने की स्थिति में नहीं है, लेकिन गुरिल्ला युद्ध के जरिए लड़ाई को जारी रख सकता है।”

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