
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को दो राज्यों में 13 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी कर कार्रवाई की। इस दौरान, बीओआई के निलंबित अधिकारी हितेश सिंगला को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार, हितेश सिंगला पर वरिष्ठ नागरिकों, नाबालिगों, मृतक खाताधारकों और निष्क्रिय खातों से लगभग 16.10 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। यह धोखाधड़ी करीब दो सालों तक चली, जिसमें सिंगला ने बिना अनुमति के सावधि जमा, पीपीएफ, वरिष्ठ नागरिकों के बैंक खाते और चालू निष्क्रिय खातों को बंद करने के लिए बीओआई के सिस्टम में हेरफेर किया।
बताया जा रहा है कि धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद, कथित तौर पर फरार चल रहे सिंगला को बुधवार तड़के अहमदाबाद में ईडी अधिकारियों ने उज्जैन-वेरावल मार्ग पर रोककर गिरफ्तार किया। वह ट्रेन में बार-बार डिब्बों में बदलाव कर भागने का प्रयास कर रहा था, लेकिन अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया। बाद में, उसे मुंबई में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हितेश सिंगला की धोखाधड़ी की साजिश करीब दो सालों तक चलती रही। जांच में पाया गया कि उसने जानबूझकर खाता धारकों की जांच कम होने वाली खातों को निशाना बनाया। इनमें बुजुर्ग जमाकर्ता, नाबालिग, दिवंगत ग्राहक और लंबे समय से निष्क्रिय खातें शामिल हैं। सिंगला ने इन खातों से पैसों की हेराफेरी कर अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया है।
यह कार्रवाई ईडी की एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जो बैंकिंग सिस्टम में बड़े पैमाने पर घोटाले का पर्दाफाश करने का प्रयास है।