Maharajganj : RTE के तहत अब अंतिम चरण समाप्त होने के बाद दूसरे वार्ड के विद्यालयों में भी मिल सकेगा दाखिला

भास्कर ब्यूरो

  • 2025-26 में आरटीई के तहत 1686 आवेदकों को निजी स्कूलों में मिला था प्रवेश, स्कूल लोकेशन आवेदक के पते मैच न होने के कारण करीब 1617 आवेदन रद्द करना पड़ा था
  • आगामी शिक्षा सत्र से यह बदलाव शुरू होगा, इसका लाभ दिसंबर-2025 के आवेदन शुरू होने के साथ ही लोगों को मिलेगी

Maharajganj : जिले के अभिभावकों और बच्चों के लिए राहत भरी खबर है। जिस ग्राम पंचायत/वार्ड में विद्यालय स्थापित होगा उसी ग्राम पंचायत/ वार्ड के पात्र बच्चों को इसका लाभ अनुमन्य होगा।
ग्राम पंचायत अथवा वार्ड में एक भी गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय अवस्थित नही होने की स्थिति में सभी आवेदन चरण समाप्त होने के उपरांत एक अतिरिक्त चरण चलाकर संबंधित ग्राम पंचायत/वार्ड के बच्चों को उनके निकटतम वार्ड में अवस्थित निजी विद्यालयों में रिक्त सीटों के प्रति आवेदन किए जाने हेतु अवसर प्रदान किया जाएगा।

शिक्षा विभाग ने आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए निकटतम वार्ड के विद्यालयों में प्रवेश की अनुमति दे दी है। इसका लाभ दिसंबर-25 के आवेदन शुरू होने के साथ ही लोगों को मिलने लगेगा। आरटीई के तहत कमजोर आय वर्ग के विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षण का मौका दिया जाता है। यह अवसर ऐसे परिवार के बच्चों को दिया जाता है, जिनके परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये तक हो।

इन पात्रता धारियों को अब तक उसी लोकेशन के प्राइवेट स्कूलों में अध्ययन आवेदन का मौका था जो उनकी तरफ से उपलब्ध पते के दायरे में हो। इस नियम के चलते तमाम आवेदन इसलिए निरस्त होते थे क्योंकि आवेदित स्कूल उनके एड्रेस से स्कूल की लोकेशन अलग मिल जाती थी।साथ ही आवेदन से लेकर स्कूलों के अलाटमेंट की प्रक्रिया पूरी तरह आनलाइन कर दी गई है।

दो बार होगा आनलाईन व सत्यापन

आरटीई के नए बदलाव के शासनादेश में आय, जाति व निवास प्रमाणपत्रों का सत्यापन आनलाइन व दो बार करना होगा। डीएम व सीडीओ की अगुवाई में अनुश्रवण कमेटी गठित होगी, जिसके सचिव बीएसए होंगे। प्रमाणपत्रों का पहला आनलाइन सत्यापन यह कमेटी करेगी और दूसरा सत्यापन प्रमाणपत्र जारी करने वाला विभाग करेगा। पहले सत्यापन बीईओ करते थे।2025 में 1686 प्रवेश : शैक्षिक सत्र 2025-26 में आरटीई के तहत कुल 1686 आवेदकों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया, लेकिन 1617 के लगभग आवेदन स्कूल की लोकेशन आवेदक के पते से मैच न होने के कारण रद्द करने पड़े। बदलाव किए जाने के कारण अब रद्द होने वाले आवेदनों की संख्या घटेगी।

बेसिक शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक नौनिहालों को शिक्षा के दायरे में लाना है। नए नियम से न केवल अभिभावकों को सहूलियत होगी बल्कि बच्चों को बेहतर विकल्प के अवसर मिलेंगे।
रिद्धि पांडेय, बीएसए, महराजगंज

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