
Moradabad : पुलिस ने वाहन चोरी की वारदातों पर बड़ा प्रहार करते हुए एक सक्रिय गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है। पुलिस ने गैंग के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से सात लग्जरी वाहन और छह फर्जी नंबर प्लेट बरामद की हैं। पकड़े गए आरोपियों में अलीगढ़, हरियाणा और राजस्थान के रहने वाले शातिर अपराधी शामिल हैं। वहीं गैंग के मास्टरमाइंड समेत कई आरोपी अभी फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।
थाना मझोला पुलिस ने 19/20 सितंबर की रात गश्त के दौरान वाहन चोरी की वारदातों में लिप्त तीन अभियुक्तों को दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राजपुरा (अलीगढ़) निवासी इस्लाम, पलवल (हरियाणा) निवासी मुस्तफा और राजगढ़ (राजस्थान) निवासी मुसर्रत के रूप में हुई। इनके पास से ग्रे कलर की ह्युंडई क्रेटा (GF-877), आई-20, डिजायर समेत सात वाहन बरामद हुए। साथ ही छह फर्जी नंबर प्लेट भी पुलिस ने कब्जे में लीं।
गाड़ियों की चोरी का अनोखा तरीका पुलिस की जांच में सामने आया कि यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर, गाजियाबाद, साहिबाबाद और आसपास के अन्य राज्यों से गाड़ियां चोरी करता था। इसके बाद उन पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई जाती थी और गाड़ियों को अलग-अलग स्थानों पर खड़ा कर दिया जाता था ताकि शक न हो। मौके पर ग्राहक मिलने पर चोरी की गाड़ियों को ऊँचे दामों पर बेच दिया जाता था। गिरोह के पास एक ऐसा सॉफ्टवेयर भी था, जिसकी मदद से यह आसानी से गाड़ियों के लॉक खोलकर अंदर बैठ जाते थे ताकि ऐसा लगे कि गाड़ी उन्हीं की है।
थाना मझोला प्रभारी रविंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस टीम लगातार इनकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। काफी प्रयास और निगरानी के बाद आखिरकार गिरोह के तीन सक्रिय सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए। पूछताछ में आरोपियों ने माना कि वे लंबे समय से वाहन चोरी कर बेचने का काम कर रहे थे और कई राज्यों में वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
गैंग का सबसे बड़ा नेटवर्क प्रेस वार्ता कर एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि इस गैंग का नेटवर्क बहुत बड़ा है। गैंग का संचालन पलवल निवासी गगन और अलीगढ़ मूल निवासी राजकुमार दुबई से करते हैं। ये लोग अपने साथियों को ऑन-डिमांड गाड़ी चोरी करने के लिए निर्देश देते हैं। गैंग में अलग-अलग जिम्मेदारियां बांटी गई हैं कुछ लोग गाड़ियां चोरी करते हैं, कुछ रिसीव करते हैं और कुछ लोग फर्जी कागजात तैयार कर गाड़ियों को बाजार में बेचते हैं।
इस गैंग के दो अन्य सदस्य अमन ठाकुर निवासी मंडी समिति और महफूज निवासी इस्लामनगर अभी फरार हैं। पुलिस का कहना है कि इन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
दिल्ली और गाजियाबाद से चोरी हुई गाड़ियां बरामद सात गाड़ियों में से कई दिल्ली से और एक गाड़ी साहिबाबाद (गाजियाबाद) से चोरी की गई थी। चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल अक्सर दूसरे राज्यों में किया जाता था ताकि पुलिस की पकड़ से बचा जा सके। बरामद गाड़ियों की कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है।
पुलिस टीम को इस सफलता पर एसएसपी ने ₹10 हजार का इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस का दावा है कि इस कार्रवाई के बाद जिले और आसपास के इलाकों में वाहन चोरी की वारदातों पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।
फरार अपराधियों की तलाश जारी
फिलहाल पुलिस गैंग के फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। टीमों को दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि गिरोह का नेटवर्क तोड़ने के लिए आगे भी लगातार अभियान चलाया जाएगा।
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