
Gola Gokarnanath, Lakhimpur : महेशपुर गन्ना केंद्र से जुड़े सैकड़ों किसान इस बार एक बार फिर अपनी गुहार लेकर गन्ना समिति गोला के सचिव महोदय के समक्ष पहुँचे। किसानों की स्पष्ट मांग है कि आगामी गन्ना पेराई सत्र 2025-26 में महेशपुर गन्ना सेंटर को पूर्व की भांति गोला चीनी मिल से ही जोड़ा जाए।
किसानों का कहना है कि गोला मिल में समय से पर्चियां मिल जाती हैं और गन्ने की आपूर्ति भी सुचारू रूप से होती है, जिससे उन्हें अपने खेत समय से खाली करने का अवसर मिल जाता है। इस कारण वे गेहूं, लाही जैसी रबी फसलों की बुवाई समय पर कर लेते हैं और अतिरिक्त आमदनी भी सुनिश्चित होती है। गोला मिल की पेराई क्षमता अधिक है, जिससे गन्ना बिना देरी के तौल हो जाता है। पर्चियों के वितरण में पारदर्शिता और समयबद्धता गोला मिल की बड़ी विशेषता है।
यदि गन्ना आपूर्ति कुंभी मिल को कराई जाती है, तो वहां की व्यवस्था किसानों के अनुसार धीमी और अव्यवस्थित है। इससे रबी फसलों की बुवाई में देरी होती है और किसानों की आय प्रभावित होती है।
किसानों ने सचिव को एक सामूहिक आवेदन सौंपा है, जिसमें प्रमुख रूप से गौरव शर्मा, आशाराम, माखन लाल, निर्मल कुमार, सुनील कुमार, प्रेमराज, राम नरेश, चन्द्रभान, सचिन कुमार, नितिन कुमार, ज्ञानचन्द, अंकित कुमार, मनोज कुमार, भगवानदीन सहित लगभग 25 से अधिक किसानों के हस्ताक्षर हैं।
किसानों का कहना है कि गन्ना केवल एक फसल नहीं, बल्कि हमारे पूरे साल की मेहनत और आशा का केंद्र है। यदि पेराई में देरी हुई या पर्चियां समय से नहीं मिलीं, तो दूसरी फसलें बर्बाद हो जाएंगी और कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा।किसानों ने गन्ना समिति गोला और जिला प्रशासन से निवेदन किया है कि उनके हितों को प्राथमिकता दी जाए और महेशपुर गन्ना सेंटर को गोला चीनी मिल से ही यथावत जोड़ा जाए।”