
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्कूलों में मोबाइल फोन के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षक और छात्र स्कूल समय के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर सकेंगे। यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और कक्षा का सकारात्मक माहौल बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
मोबाइल फोन पर रोक के कारण
- शिक्षा विभाग का कहना है कि मोबाइल फोन छात्रों का ध्यान भटकाते हैं और शिक्षकों की कार्यनिष्ठा पर असर डालते हैं।
- सोशल मीडिया और मोबाइल की लत से बच्चों का पढ़ाई पर ध्यान कम हो रहा है।
- मोबाइल फोन का इस्तेमाल आंखों में तनाव, नींद में खलल, कान और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
- कक्षा में मोबाइल की घंटी, व्हाट्सएप संदेश और नोटिफिकेशन पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न करते हैं।
- मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
नए नियम और आदेश
- छात्रों को घर से ही मोबाइल फोन स्कूल में लाने की अनुमति नहीं होगी।
- शिक्षकों को कक्षा में मोबाइल फोन उपयोग करने से रोका गया है; फोन स्टाफ रूम या सीसीटीवी निगरानी वाले सुरक्षित स्थान पर ही रखा जाएगा।
- स्कूलों को सूचना पटल पर स्पष्ट निर्देश प्रदर्शित करने होंगे।
- आपातकालीन स्थिति में छात्रों और शिक्षकों के लिए स्कूल में लैंडलाइन फोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- ऑनलाइन कार्य जैसे हाजरी लगाना, मिड डे मील रिकॉर्ड भेजना और रिवीजन मॉड्यूल का इस्तेमाल घर पर ही होगा; कक्षा में मोबाइल की आवश्यकता नहीं होगी।
सरकार का उद्देश्य
शिक्षा विभाग का मानना है कि इस कदम से छात्रों को पढ़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित करने और शिक्षक-छात्र के बीच सार्थक संवाद सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
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