
Bahraich : कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत बिछिया-गिरिजापुरी मार्ग पर शुक्रवार की दोपहर एक ही जगह और एक ही समय बाइक सवारों पर टाइगर अटैक की दो घटनाएं सामने आईं। इसमें दोनों बाइक सवार युवक घायल हुए, हालांकि दोनों की जान बाल-बाल बच गई।
बिछिया गांव निवासी वन निगम जिप्सी चालक सुशील उर्फ पप्पू 29 पुत्र सुकई शुक्रवार की दोपहर लगभग 12:30 बजे गांव से सीतारामपुरवा एक निजी चिकित्सक के यहां भर्ती अपने छोटे भाई का हाल जानने के लिए मोटरसाइकिल से जा रहा था। तभी बिछिया-गिरिजापुरी मार्ग के बीच सड़क किनारे झाड़ियों में छिपे टाइगर ने उसकी चलती बाइक पर झपट्टा मारा। इस दौरान टाइगर का पंजा बाइक की डिग्गी बैग और युवक की चप्पल पर लगा, जिससे बाइक अनियंत्रित होकर सड़क से झाड़ियों में गिर गई और युवक भी सड़क पर गिरकर बुरी तरह घायल हो गया। जैसे ही टाइगर ने युवक पर फिर झपटने का प्रयास किया, तभी बाइक से बिछिया जा रहे दीपक गुप्ता और सिंचाई कर्मचारी तारीख फारूकी समेत अन्य राहगीरों ने शोर मचाया। इसके बाद टाइगर युवक को छोड़कर जंगल में घुस गया।
बीच सड़क पर टाइगर अटैक की घटना सुनकर वहां राहगीरों की भारी भीड़ एकत्रित हो गई। लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। युवक के हाथ, पैर और कंधे में गंभीर चोटें आईं, जिन्हें लोग इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुजौली ले गए।
घटना के कुछ देर बाद बिछिया से नमाज पढ़कर गिरिजापुरी लौट रहे हाथी महावत के सहायक 26 वर्षीय इरशाद अली की चलती बाइक पर भी टाइगर ने हमला कर दिया। उसने बाइक की रफ्तार तेज कर किसी तरह वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन बाघ के पंजे से उसका पैर घायल हो गया। उसका इलाज चफरिया के एक निजी चिकित्सक के यहां कराया गया।
बताया जाता है कि बिछिया-गिरिजापुरी मार्ग पर पिछले छह महीनों में बाइक सवारों पर टाइगर अटैक की आधा दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं। इसका मुख्य कारण सड़क पर फैली झाड़ियां हैं। झाड़ियां इतनी घनी हो गई हैं कि बाघ, तेंदुआ समेत अन्य हिंसक वन्य जीव अक्सर इन्हीं में छिपकर लोगों की बाइक और वाहनों के सामने आ जाते हैं और कई बार उन पर हमला भी कर देते हैं। सुजौली क्षेत्र के इस मुख्य मार्ग पर झाड़ियां साफ न होने से राहगीरों की जान पर हमेशा खतरा बना हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग इस मामले में बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि इसी मार्ग से होकर रोजाना सौ से अधिक जनजाति छात्र-छात्राएं स्कूल जाते हैं। यदि वन विभाग ने झाड़ियां साफ नहीं कराईं, तो कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है।