हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : पहली पत्नी के निधन के बाद दूसरी पत्नी पेंशन की हकदार

शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पारिवारिक पेंशन को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए दूसरी पत्नी को राहत प्रदान की है। अदालत ने स्पष्ट किया कि पहली पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी पत्नी पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार होगी।

न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि भले ही हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 के अनुसार पहली शादी के रहते दूसरी शादी अवैध मानी जाती है, लेकिन इस मामले की परिस्थितियां अलग हैं। याचिकाकर्ता की पहली पत्नी से कोई संतान नहीं थी और दूसरी पत्नी से हुए बच्चे भी अब व्यस्क हो चुके हैं और उन्होंने पेंशन का दावा नहीं किया है। ऐसे में याचिकाकर्ता की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन का दावा करने वाला कोई अन्य व्यक्ति नहीं बचता।

अदालत ने विभाग द्वारा याचिकाकर्ता का आवेदन खारिज करने को अनुचित बताते हुए आदेश रद्द कर दिया। साथ ही विभाग को निर्देश दिया कि दो माह के भीतर याचिकाकर्ता के सेवा रिकॉर्ड में पहली पत्नी (कमलेश देवी) के स्थान पर दूसरी पत्नी (ज्वाला देवी) का नाम दर्ज किया जाए।

याचिकाकर्ता वर्ष 1973 में विभाग में बढ़ई के पद पर नियुक्त हुए थे। 1994 में उन्होंने कमलेश देवी से शादी की, लेकिन संतान न होने पर परिवार के आग्रह पर उन्होंने कमलेश देवी की छोटी बहन ज्वाला देवी से भी विवाह कर लिया। 2003 में वे सेवानिवृत्त हुए और 2020 में पहली पत्नी का निधन हो गया। इसके बाद उन्होंने पेंशन रिकॉर्ड में नाम बदलने का अनुरोध किया, जिसे विभाग ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि दूसरी शादी अवैध है। याचिकाकर्ता ने इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी और अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।

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