
America Nizamuddin Murder : कैलिफ़र्निया के सांता क्लारा में 32 वर्षीय निजामुद्दीन का शव पुलिस ने बरामद किया है। आरोप है कि उसने अपने रूममेट पर चाकू से हमला किया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे गोली मार दी। यह घटना 3 सितंबर को हुई थी, लेकिन परिवार को इसकी जानकारी दो हफ्ते बाद मिली।
रिपोर्ट के अनुसार, निजामुद्दीन का परिवार तेलंगाना के महबूबनगर में रहता है। उसकी पहचान निजामुद्दीन के रूप में हुई है, और उसके पिता का नाम हुस्सुद्दीन है, जो एक सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। उनके बेटे के दोस्त, जो कर्नाटक में रहते हैं, ने 18 सितंबर को परिवार को सूचित किया कि उनका बेटा यूएस में मारा गया है।
परिवार ने बताया कि उन्होंने कई बार बेटे को कॉल किया, लेकिन उसका फोन बंद था। बाद में पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। निजामुद्दीन ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि वह नस्लभेदी मानसिकता का शिकार हुए हैं।
सांता क्लारा पुलिस विभाग ने अपने बयान में कहा कि 3 सितंबर को सुबह करीब 6 बजे उन्हें 911 कॉल मिली। कॉल करने वाले ने बताया कि एक घर में किसी ने चाकू से एक व्यक्ति को हमला किया है। पुलिस मौके पर पहुंची तो संदिग्ध ने पुलिस से सामना किया और उसके साथ गोलीबारी हो गई। घायल संदिग्ध (निजामुद्दीन) को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
बातचीत में, पुलिस ने बताया कि संदिग्ध ने घर में हमला किया था, और पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई।
यह घटना नस्लभेदी मानसिकता और हिंसा का मामला बन गया है। निजामुद्दीन का परिवार इस घटना से सदमे में है। मृतक की पहचान और मौत का कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन परिवार का मानना है कि पुलिस ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
यह घटना अमेरिका में नस्लभेदी हिंसा और पुलिस बर्बरता के सवालों को फिर से उजागर कर रही है। मानवाधिकार संगठन और समुदाय के लोग इस मामले की निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग कर रहे हैं।
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