ट्रंप का होगा हृदय परिवर्तन…भारत को बिना शर्त एक्स्ट्रा टैरिफ से मिलेगी राहत…..अनंथा नागेश्वरन को है उम्मीद

नई दिल्ली। भारत-अमेरिका ट्रेड डील धीरे-धीरे बात आगे बढ़ रही है। भारत को टैरिफ से भी राहत मिलने की आशा बनने लगी है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन का दावा है कि बिना शर्त अमेरिका एक्स्ट्रा टैरिफ हटा सकता है। अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ में बड़ी राहत मिल सकती है और रूसी तेल खरीद पर ट्रंप द्वारा लगाया गया एक्स्ट्रा 25% टैरिफ हटाया जा सकता है। लेकिन क्या यह इतना आसान होगा जैसा नागेश्वरन उम्मीद कर रहे हैं..?


मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने गुरुवार को उम्मीद जताते कहा है कि अमेरिका जल्द ही भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त टैरिफ हटा सकता है और रेसिप्रोकल टैरिफ को भी घटाकर 10 से 15% किया जा सकता है। इसके साथ ही सीईए ने भारत-यूएस ट्रेड डील के आगे बढ़ने का भी संकेत दिया है।
कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए सीईए नागेश्वरन ने कहा कि उन्हें टैरिफ मसले का अगले 8 से 10 हफ्तों के भीतर समाधान होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि अगले कुछ महीनों में कम से कम 25% के एक्स्ट्रा टैरिफ का समाधान जरूर निकल आएगा।’


नागेश्वरन ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत में तेजी के संकेत मिल रहे हैं, जिससे करीब 50 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय निर्यात पर दबाव कम हो सकता है।
गौरतलब है कि भारत पर पहले अमेरिकी की ओर से 25% का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया था, लेकिन अगस्त में भारत की रूसी तेल खरीद को युक्रेन युद्ध में पुतिन की आर्थिक मदद करने का जरिया करार देते हुए जुर्माने के रूप में 25% का एक्स्ट्रा टैरिफ जुर्माने के तौर पर लगाया था। इसके बाद भारत पर कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया था और इससे ये ब्राजील के साथ सबसे ज्यादा ट्रंप टैरिफ को झेलने वाले देशों में शामिल हो गया था।


भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स समेत अन्य मुद्दों को लेकर अटकी हुई थी और इस पर बातचीत भी ट्रंप के एक्स्ट्रा टैरिफ के बाद थमी हुई थी। लेकिन बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताते हुए ट्रेड डील के सफल निष्कर्ष निकलने की बात कही थी।

इसके बाद इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका की ओर से प्रमुख वार्ताकर ब्रेंडेन लिंच ट्रेड डील पर छठे चरण की बैठक करने के लिए नई दिल्ली आए थे और भारत के मुख्य व्यापार वार्ताकार राजेश अग्रवाल के साथ करीब 7 घंटे की लंबी चर्चा की थी।


टैरिफ के असर को देखें, तो अगस्त महीने में अमेरिका को निर्यात घटकर 6.87 अरब डॉलर रह गया, जो 10 महीने का सबसे निचला स्तर है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में अमेरिका को भारत के निर्यात का लगभग 55% हिस्सा ट्रंप के हाई टैरिफ के अंदर आ रहा है। इसकी मार से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स की बात करें, तो कपड़ा, केमिकल, मरीन फूड, जेम्स एंड ज्वेलरी के साथ ही मशीनरी शामिल हैं। ये इसलिए भी खास हैं, क्योंकि भारत की श्रम-प्रधान निर्यात अर्थव्यवस्था के प्रमुख हिस्से हैं।

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