
- क्वालिटी बार मामले में जमानत हुई मंजूर
- जेल में बंद सपा नेता की बढ़ी रिहाई की उम्मीद
Sitapur : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने रामपुर के चर्चित ‘क्वालिटी बार’ की भूमि पर कथित अवैध कब्जे के मामले में उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिससे आजम खान की रिहाई की उम्मीदें एक बार फिर बढ़ गई हैं।
यह मामला रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में स्थित क्वालिटी बार की जमीन पर अवैध कब्जे से जुड़ा है। इस संबंध में राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह ने 2019 में एफआईआर दर्ज कराई थी। शुरुआती तौर पर पुलिस ने आजम खान की पत्नी तजीन फातिमा, बेटे अब्दुल्ला आजम और चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी को नामजद किया था। बाद में विवेचना के दौरान
आजम खान को भी आरोपी बनाया गया।
आजम खान ने रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके वकील इमरानउल्लाह ने कोर्ट में दलील दी थी कि आजम खान को राजनीतिक रंजिश के कारण इस मामले में फँसाया गया है और उन्हें 2019 में दर्ज एफआईआर में 2024 में अभियुक्त बनाया गया। वहीं, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और ए.जी.ए. रूपक चौबे ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आजम खान का आपराधिक इतिहास लंबा है और उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके अपराध किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 21 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आजम खान और परिवार को मिली अन्य कानूनी राहतें
यह पहली बार नहीं है जब आजम खान को कानूनी राहत मिली है। पिछले कुछ समय में उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को कई मामलों में जमानत या दोषमुक्ति मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें डूंगरपुर कॉलोनी के निवासियों को धमकाने और जबरन हटाने के मामले में जमानत दी थी। इस मामले में उन्हें रामपुर की डच्-डस्। कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। मुरादाबाद की एक एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 2008 के एक मामले में बरी कर दिया, जिसमें उन पर सड़क जाम करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का आरोप था। आजम खान की पत्नी तजीन फातिमा को भी कई मामलों में जमानत मिली है, जिसमें श्दुश्मन संपत्तिश् से जुड़ा एक मामला भी शामिल है। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को भी एक पुराने मामले में दोषमुक्त किया गया है। हालांकि, दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड से जुड़े मामलों में उन पर अभी भी मुकदमे चल रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में इस घटनाक्रम को आजम खान और उनके परिवार के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। आजम खान को समाजवादी पार्टी में एक महत्वपूर्ण मुस्लिम चेहरे के रूप में देखा जाता है और उनकी रिहाई से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ सकता है। हालाँकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें जेल से बाहर आने के लिए सभी मुकदमों में जमानत मिलनी जरूरी है।
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