
- हिन्दू संगठनों के दबाव के आगे झुका फरार नेता, मंदिरों में बजी घंटियां, सड़कों पर खुशी का माहौल
Moradabad : ठाकुरद्वारा क्षेत्र का बहुचर्चित गौकशी प्रकरण आखिरकार नए मोड़ पर पहुंच गया है। ग्राम किशनपुर गांवड़ी में 25 जुलाई को हुई गौकशी की घटना में नामजद आरोपी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य और अधिवक्ता ज़रीफ़ मलिक ने गुरुवार को अचानक कोतवाली पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया।करीब डेढ़ महीने से फरार चल रहे ज़रीफ़ मलिक को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही थीं। वहीं शिव मंदिर के महंत बच्चा बाबा के नेतृत्व में हिन्दू संगठनों ने धरना-प्रदर्शन कर सड़क से सदन तक जोरदार आंदोलन छेड़ दिया था। यही नहीं, गिरफ्तारी न होने पर संगठनों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।
इसी दबाव के बीच गुरुवार की दोपहर ज़रीफ़ मलिक ने कोतवाली के पिछले रास्ते से प्रवेश कर पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस की हिरासत में पहुंचते ही पूरे परिसर में हलचल मच गई और क्षेत्र में खबर आग की तरह फैल गई।आत्मसमर्पण के बाद ज़रीफ़ मलिक ने मीडिया के सामने कहा कि वे निर्दोष हैं और राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाया गया है। लेकिन हिन्दू संगठनों ने इसे धर्म और न्याय की जीत करार देते हुए कहा कि यह जनता के दबाव की जीत है।
महंत बच्चा बाबा ने कहा कि जब तक गौकशी प्रकरण में शामिल हर आरोपी सलाखों के पीछे नहीं पहुंच जाता, आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, ज़रीफ़ मलिक की गिरफ्तारी से गुस्से में उबल रहे हिन्दू संगठनों के बीच अब संतोष और उत्साह का माहौल है।मंदिरों में जहां घंटियां बजाई गईं और प्रसाद बांटा गया, वहीं कई जगह पटाखे फोड़कर आत्मसमर्पण पर खुशी जताई गई। पुलिस ने ज़रीफ़ मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है।गौरतलब है कि इस प्रकरण में कई आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं और जेल भेजे जा चुके हैं। ज़रीफ़ मलिक के आत्मसमर्पण से अब पूरा मामला नए मोड़ पर आ गया है।