
जयपुर : राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उनके कार्यकाल के मंत्री रहे राजेंद्र राठौड़, गुलाबचंद कटारिया, गजेंद्र सिंह खींवसर और पूर्व आईएएस अधिकारी सीएस राजन व वीनू गुप्ता के खिलाफ दायर 5000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले और पद के दुरुपयोग का मामला अदालत ने खारिज कर दिया है। यह मामला जयपुर स्थित महिंद्रा SEZ भूमि प्रकरण से जुड़ा था और लगभग 10 साल पुराना है।
यह परिवाद संजय छाबड़ा नामक व्यक्ति द्वारा दायर किया गया था। आरोप लगाया गया था कि वसुंधरा सरकार ने महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी भूमि का लैंड यूज बदलकर औद्योगिक उपयोग के लिए बेचने का प्रस्ताव पास किया। यह प्रस्ताव तत्कालीन उद्योग सचिव वीनू गुप्ता ने तैयार किया था, जिसे मुख्य सचिव सीएस राजन ने मंजूरी देकर कैबिनेट में भेजा था। आरोप था कि सड़क, स्कूल और पार्क के लिए आरक्षित भूमि घटाकर 446 एकड़ कर दी गई और बची हुई भूमि लाइफ स्पेस डेवलपर्स को दे दी गई। इस बदलाव से सरकार को 5000 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप लगाया गया था।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जयपुर ने सुनवाई के दौरान कहा कि परिवादी अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस दस्तावेजी सबूत पेश नहीं कर सका और केवल मौखिक आरोप लगाए गए। इस आधार पर अदालत ने परिवाद को खारिज कर दिया।
इस फैसले को वसुंधरा राजे और उनके पूर्व सहयोगियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है और अब यह मामला कानूनी रूप से समाप्त हो चुका है।










