Maharajganj : बारिश से धान की फसल को मिली संजीवनी, किसानों के चेहरे खिले

  • जिले में लगातार बारिश से उमस से मिली राहत, नगरपालिका के सिविल लाइन वार्ड में जलजमाव

Maharajganj : तराई क्षेत्र में मानसून की सक्रियता ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी है। बीते दिनों से छिटपुट बारिश हो रही थी, लेकिन सोमवार देर शाम से बारिश ने रफ्तार पकड़ी और मंगलवार को पूरे दिन रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश होती रही। बुधवार को भी यह क्रम जारी है।

इस मौसम परिवर्तन ने जहाँ आम जनजीवन को उमस भरी गर्मी से राहत दी, वहीं खेतों में भरपूर पानी मिलने से फसलों में जान फूंक दी है। संजीवनी के रूप में मिली इस बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनपद में लगभग 1.59 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है। अब तक बारिश की मात्रा सीमित थी, जिससे किसान बार-बार सिंचाई करने को मजबूर थे। लेकिन इस झमाझम बारिश ने धान की फसल को संजीवनी का काम दिया है।

लगभग 6,500 हेक्टेयर में लगी ग्रीष्मकालीन गन्ने की फसल के लिए भी यह बारिश अत्यंत लाभकारी साबित हो रही है। सब्जियों की खेती के लिए भी यह मौसम अनुकूल है, हालांकि खेतों में पानी का ठहराव न होने देने की सलाह दी गई है।

गबडुआ निवासी प्रगतिशील किसान तस्लीम खान ने दैनिक भास्कर को बताया कि चार दिनों से हो रही बारिश से फसलों को बहुत फायदा मिलेगा। इस बारिश से संभा मंसूरी में फुटाव जल्द होगा और धान की अन्य प्रजातियों को भी संजीवनी मिलेगी। जनार्दन पटेल, उपेंद्र कुशवाहा, सकलैन अहमद और सहद अली ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से फसलों को भरपूर पानी मिला है, जिससे धान की बंपर पैदावार की उम्मीद है।

बारिश से तापमान में गिरावट आई है। हालांकि लगातार बारिश के कारण नगर पालिका परिषद के सिविल लाइन वार्ड सहित कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है। नगर पालिका ने सफाई कर्मचारियों को तैनात कर पंपिंग सेट के माध्यम से जल निकासी की व्यवस्था शुरू कर दी है।

जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया कि जनपद में अब तक सिर्फ छिटपुट बारिश हो रही थी, लेकिन सोमवार देर शाम से इसमें तेजी आई है। यह बारिश धान और गन्ने की फसल के लिए काफी फायदेमंद है। सब्जियों के लिए भी यह बारिश अच्छी है, लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि खेतों में पानी का ठहराव न हो।

मानसून की मेहरबानी ने किसानों को राहत दी है और फसलों को नया जीवन मिला है। हालांकि जलभराव जैसी समस्याएँ भी सामने आई हैं, जिनसे निपटने के लिए प्रशासन सक्रिय है। आने वाले दिनों में यदि बारिश इसी तरह बनी रही, तो धान की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है।

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