पूर्वांचल के पशुओं में लंपी स्किन डिजीज…बेंगलुरू से मंगाई गई 60 हजार लम्पी प्रोवैक वैक्सीन

  • एलएसडी के प्रभावी रोकथाम हेतु प्रदेश में 61.20 लाख डोज गोट पाक्स वैक्सीन उपलब्ध
  • पूर्वांचल के अधिक प्रभावित जनपदों, गोरखपुर एवं समीपवर्ती जनपदों में युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान

लखनऊ। उप्र के पूर्वांचल में लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) वायरल ने गंभीर रूप ले लिया है। सरकार ने इस पर प्रभावी नियंत्रण एवं आकस्मिकता को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर आईवीआरआई द्वारा नवीन विकसित ‘लम्पी प्रोवैक वैक्सीन की साठ हजार (60,000) खुराक हवाई मार्ग द्वारा बैंगलौर से मंगवाई गई है। इसे पूर्वांचल के अधिक प्रभावित जनपदों, गोरखपुर एवं समीपवर्ती जनपदों में युद्ध स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाकर एल०एस०डी० रोग के नियंत्रण की प्रभावी कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है। लंपी स्किन डिजीज एक वायरल बीमारी है जो मवेशियों को प्रभावित करती है, विशेष रूप से गायों और भैंसों को। इसके लक्षणों में त्वचा पर गांठें, बुखार, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पशु एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश में गोवंशीय पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज के संक्रमण के रोकथाम, उपचार, रोकथाम, टीकाकरण एवं अन्य प्रभावी कार्यवाहियों के संबंध में प्रेस प्रतिनिधियों को आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में एलएसडी रोग का प्रभावी नियंत्रण पा लिया गया है। श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश के बिहार सीमा से लगे 11 जनपद एलएसडी रोग से प्रभावित हैं तथा इनसे सटे कुछ जनपदों में छिटपुट गोवंशीय पशुओं में एलएसडी के लक्षण पाये जा रहे हैं।

पशुधन मंत्री ने कहा कि एलएसडी के प्रभावी रोकथाम हेतु प्रदेश में 61.20 लाख डोज गोट पाक्स वैक्सीन उपलब्ध है, जिसके माध्यम से पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। गोट पाक्स वैक्सीन मुख्यतया बकरियों में चेचक रोग के रोकथाम हेतु लगायी जाती है। बिहार राज्य से लगे सीमावर्ती 7 जनपदों में गोवंशों का सीमा पर आना प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रदेश के 11 जनपदों चंदौली, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, मऊ, संतकबीर नगर एवं महाराजगंज में लगभग 9353 एल०एस०डी० प्रभावित गोवंश हैं जिनमें से उपचार उपरान्त 6769 पशु निरोग हो गये हैं तथा 2584 पशुओं का उपचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इसी क्रम में जनपद देवरिया में 16 पशु चिकित्सा विशेषकों की तथा जनपद कुशीनगर में 07 पशु चिकित्साविदों की एक संयुक्त निदेशक के निर्देशन में टीम भेजी गयी है, जिनके द्वारा टीकाकरण एवं चिकित्सा कार्य किया गया था जिससे इन जनपदों में एल०एस०डी० बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण किया जा चुका है। किसी भी जानकारी हेतु विभागीय टोलफ्री नम्बर- 18001805141 पर सम्पर्क किया जा सकता है। जनपदों में टीमें गठित कर टीकाकरण एवं चिकित्सा का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुदूर क्षेत्रों में मोबाइल वेटेरिनरी वाहनों (टोल फ्री नम्बर- 1962) द्वारा अपनी पूर्ण क्षमता के साथ एल०एस०डी० प्रभावित गोवंशों का उपचार, टीकाकरण तथा जागरूकता अभियान का कार्य किया जा रहा है।

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