Maharajganj : बेखौफ दलालों का जिला अस्पताल पर कब्जा, दे रहे चुनौती

भास्कर ब्यूरो

  • जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने बीते दिनों अस्पताल का किया था आकस्मिक निरीक्षण, जिसमें जिला अस्पताल की खुली थी पोल
  • दलालों का डाक्टरों के चैम्बर में रहता है अवैध कब्जा, मरीजों और तीरमदारो से लूट-खसोट का खेल बदस्तूर जारी
  • अस्पताल प्रशासन दलालों के आगे नतमस्तक, बाहरी दवाओं के सौदागरों की पौ बारह

Maharajganj : जिला अस्पताल में जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा द्वारा बिते दिनों किए गए औचक निरीक्षण में कुछ दलालों को रंगे हाथों पकड़ा गया था और उन पर कार्रवाई भी हुई थी। लेकिन यह कार्रवाई केवल कुछ समय के लिए ही असरदार साबित हुई। अब एक बार फिर दलालों का गिरोह अस्पताल परिसर में सक्रिय हो कर मरीजों के साथ खुलेआम लूट-खसोट कर रहा है।

हालांकि जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने पहले कार्रवाई की थी, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।अस्पताल में दलालों की गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करना चुनौतीपूर्ण लग रहा है।अस्पताल में दलालों की मौजूदगी न केवल मरीजों के साथ धोखा है,बल्कि यह चिकित्सा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है। उन्होंने मांग की है कि अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उससे दलालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और डॉक्टरों की जवाबदेही तय की जाए।जिला अस्पताल में दलालों की बढ़ती सक्रियता एक गंभीर समस्या बन चुकी है। प्रशासन की लचर व्यवस्था और डॉक्टरों की चुप्पी ने दलालों को बेखौफ बना दिया है।

दैनिक भास्कर की पड़ताल में खुली पोल

दैनिक भास्कर की टीम ने जिला संयुक्त चिकित्सालय का दौरा किया। बारिश के बावजूद अस्पताल में मरीजों और उनके तीमारदारों की भारी भीड़ थी। पर्ची काउंटर पर लंबी लाइनें लगी थीं और डॉक्टर कक्षों के बाहर भी भीड़ नजर आई। जैसे ही टीम एक मरीज के साथ डॉक्टर कक्ष की ओर बढ़ी, वहां मौजूद एक दलाल सक्रिय हो गया। उसने कहा, “इतनी भीड़ में आप उधर मत जाइए, मैं आपको अभी डॉक्टर से मिलवा देता हूं।उसने तुरंत पर्ची ली और मरीज को लाइन में सबसे आगे कर दिया।डॉक्टर से दिखाने के बाद दलाल मरीज को पास की एक दुकान पर ले गया और ₹500 की दवा दिलवाई।

बागपार क्षेत्र के निवासी अशोक और रमेश ने बताया कि वे कई दिनों से बुखार से पीड़ित हैं और डॉक्टर को दिखाने अस्पताल आए थे। लेकिन डॉक्टर से मिलने से पहले ही एक व्यक्ति ने उन्हें रोक लिया और कहा कि वह डॉक्टर से तुरंत मिलवा देगा। दिखाने के बाद वह उन्हें पास की दुकान पर ले गया और 700 रूपए की दवा दिलवाई। अशोक ने कहा, “हमें नहीं पता था कि ये व्यक्ति दलाल है, ऐसे में जिला अस्पताल प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

डॉक्टरों के चेम्बर में दलालों का कब्जा

जिला अस्पताल की स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि डॉक्टरों के चेम्बर तक दलालों का कब्जा हो गया है। मरीजों को डॉक्टर तक पहुंचने से पहले ही दलाल अपने जाल में फंसा लेते हैं। वे मरीजों को यह कहकर भ्रमित करते हैं कि भीड़ बहुत ज्यादा है, वे सीधे डॉक्टर से मिलवा देंगे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें