Banda : खाद वितरण न होने की सूचना पर भड़के किसान, सड़क पर लगाया जाम

  • किसानों ने सचिव पर अभद्रता और भेदभाव का गंभीर आरोप लगाया
  • जाम में फंसी न्यायाधीश की कार, पुलिस ने डंडे फटकारकर खुलवाया जाम

Naraini, Banda : जहां एक ओर प्रदेश की योगी सरकार से लेकर जिला प्रशासन के जिम्मेदार तक जिले में पर्याप्त खाद का भंडार उपलब्ध होने के दावे करते हैं, वहीं सहकारी समितियों में सचिवों की मनमानी के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आलम यह है कि किसान क्षेत्रीय सहकारी समितियों में डेरा डाले रहते हैं और सचिव खाद वितरण न होने की सूचना चस्पा कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

ऐसा ही एक मामला क्षेत्र के पनगरा गांव स्थित सहकारी समिति में सामने आया। समिति के सचिव ने लखनऊ में आयोजित बैठक में जाने की सूचना चस्पा कर दी और अपने घरेलू कार्यों में व्यस्त हो गया। किसानों को जब सचिव की कारगुजारी का पता चला तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। किसानों ने एकजुट होकर बांदा-कालिंजर मार्ग पर जाम लगा दिया। जाम के दौरान नरैनी में कार्यरत एक न्यायाधीश की कार भी फंस गई। बाद में कोतवाली पुलिस ने डंडे फटकारकर किसानों को तितर-बितर किया और जाम खुलवाकर न्यायाधीश की कार को निकलवाया।

जिले में इन दिनों खाद को लेकर खासी मारामारी मची हुई है। किसानों को जहां एक-एक बोरी खाद के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है, वहीं सहकारी समितियों के सचिव खुलेआम मनमानी कर रहे हैं। सचिव अपने निजी कामों में व्यस्त रहते हैं और समिति के नोटिस बोर्ड पर बैठक के सिलसिले में लखनऊ जाने की झूठी सूचना चस्पा करके जिम्मेदारी से बचते हैं।

मंगलवार को जब पनगरा सहकारी समिति में किसान खाद लेने पहुंचे तो उन्हें बोर्ड पर सचिव के लखनऊ जाने के कारण खाद वितरण न होने की जानकारी हुई। इससे किसानों का गुस्सा भड़क गया। किसानों का आरोप है कि सचिव पवन तिवारी कई दिनों से झूठी सूचनाएं चस्पा करके उन्हें परेशान कर रहा है और खाद उपलब्ध नहीं करा रहा है। आक्रोशित किसानों ने बांदा-कालिंजर मार्ग पर बैठकर जाम लगा दिया और सचिव के खिलाफ नारेबाजी की।

किसानों ने आरोप लगाया कि सचिव लगातार चार दिनों से उन्हें परेशान कर रहा है और नोटिस बोर्ड पर झूठी सूचनाओं के जरिए भ्रमित कर रहा है, जबकि गोदाम में खाद की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है। जाम की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और उपनिरीक्षक नीरज कुमार किसानों को समझाने का प्रयास करते रहे। जाम के चलते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इसी दौरान किसानों के जाम में नरैनी ग्राम न्यायालय में तैनात जज की कार भी फंस गई। इसके बाद पुलिस बल हरकत में आया और किसानों पर डंडे फटकारकर उन्हें तितर-बितर किया। पुलिस के बल प्रयोग के बाद जाम खुलवाया जा सका और यातायात सामान्य हो सका।

मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार यशपाल यादव ने किसानों को समझाकर उनका गुस्सा शांत कराया और बुधवार को खाद वितरण कराने का भरोसा दिलाया। नायब तहसीलदार ने भी सचिव की मनमानी को स्वीकार करते हुए एसडीएम को जानकारी देने की बात कही। पनगरा गांव निवासी रमन बाजपेई ने सहकारी समिति के सचिव पवन तिवारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री समेत विभागीय अफसरों को पत्र भेजा है।

अतर्रा के किसानों ने भी खाद के लिए लगाया जाम
मंगलवार को अतर्रा तहसील के किसानों ने भी खाद की किल्लत को लेकर झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। सपा यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज द्विवेदी रवि के नेतृत्व में किसानों ने सड़क जाम कर खाद उपलब्ध कराने की मांग की।

किसानों का कहना है कि सहकारी समितियों में खाद की कालाबाजारी हो रही है और उन्हें प्राइवेट दुकानों से दोगुने दामों पर खाद खरीदनी पड़ रही है। जाम लगाए किसानों ने कहा कि यदि दो दिनों के भीतर पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं कराई गई तो वे आमरण अनशन पर बैठने को विवश होंगे। नाराज किसानों ने तहसील परिसर पहुंचकर अधिकारियों का घेराव भी किया।

पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और किसानों को समझाकर खाद उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया, तब जाकर किसानों का गुस्सा शांत हुआ। किसानों का कहना है कि कई दिनों से वे समिति के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है, जिससे उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं।

इस मौके पर संजय यादव, रामजस, नीरज सिंह, जगनंदन, देवशरण, बलराम यादव, शत्रुघ्न, छेदीलाल, अनुज, चुनबाद, मुन्ना आदि करीब आधा सैकड़ा से अधिक किसान मौजूद रहे।

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