
चिउटहां, महराजगंज। सिंदुरिया थाना क्षेत्र के ग्राम सभा भागाटार निवासी एवं शिक्षक अमरनाथ गुप्त ने अपने पुत्र हर्षित उर्फ अनिकेत रौनियार पर दर्ज मुकदमे को फर्जी बताते हुए सोमवार को पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जिस समय उनके बड़े पुत्र पर दुर्घटना का आरोप लगाया गया, उस समय वह भोपाल स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन) में अध्ययनरत था।
शिकायत पत्र के अनुसार, दिनांक 25 अगस्त 2025 को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अमरनाथ गुप्त का छोटा पुत्र दर्शन उर्फ अंश रौनियार अपने साथियों अरमान और अंकुर उर्फ भोला के साथ स्कूटी से निचलौल रोड होते हुए जगदौर जा रहा था। कृष्णा हॉस्पिटल के पास स्कूटी अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें दर्शन गंभीर रूप से घायल हो गया।
घटना के बाद स्थानीय लोगों की मदद से दर्शन को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जगदौर ले जाया गया। वहां इमरजेंसी रजिस्टर में उसका नाम दर्ज है और सीसीटीवी फुटेज में भी घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाते हुए देखा जा सकता है। शाम छह बजे इलाज के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बावजूद 31 अगस्त को मिठौरा चौकी से सूचना दी गई कि दर्शन उर्फ अंश ने भागाटार टोला अमतहां में एक व्यक्ति को घायल किया है। जब परिवार ने तत्काल सीसीटीवी फुटेज और अस्पताल रजिस्टर प्रस्तुत किया, तो स्थानीय पुलिस ने माना कि दर्शन का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है।
परिवार को झटका तब लगा जब 13 सितम्बर को पता चला कि उसी घटना में अमरनाथ गुप्त के बड़े पुत्र हर्षित उर्फ अनिकेत रौनियार पर मुकदमा अपराध संख्या 0207/2025 अंतर्गत धारा 281, 125(ए), 125(बी), बीएनएस में दर्ज कर दिया गया है। जबकि हर्षित 4 मई से भोपाल के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में नियमित उपस्थिति दर्ज कर पढ़ाई कर रहा है।
अमरनाथ गुप्त ने कहा कि यह मुकदमा पूरी तरह झूठा और दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया कि उपलब्ध साक्ष्यों सीसीटीवी फुटेज, अस्पताल रजिस्टर और शैक्षणिक संस्थान का प्रमाण पत्र के आधार पर मुकदमे को निरस्त कराते हुए उनके पुत्र को न्याय दिलाया जाए।इस बीच, पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की जिम्मेदारी अपर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ को सौंप दी है।