
कोलकाता : पूर्व मिदनापुर जिले के खेजुरी में दो भाजपा कार्यकर्ताओं की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग को नये सिरे से मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दर्ज चोटों की विस्तृत व्याख्या की जाए और यह स्पष्ट किया जाए कि कौन-सी चोट मौत का कारण बनी। अदालत ने रिपोर्ट 18 सितम्बर तक दाखिल करने का आदेश दिया है, जब मामले की अगली सुनवाई होगी।
खेजुरी में 12 जुलाई को भाजपा कार्यकर्ता सुजीत दास और सुजीत पाइक की मौत मोहर्रम जुलूस के दौरान हुई थी। पहले पोस्टमार्टम में मौत का कारण बिजली का करंट बताया गया था लेकिन मृतकों के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद अदालत के आदेश पर एसएसकेएम अस्पताल, कोलकाता में दूसरी बार पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें दोनों शवों पर कई चोटों के निशान मिले। एक शव पर 24 चोटें दर्ज की गईं, जबकि दूसरे पर कई चोटें पाई गईं।
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पहले ही जांच अधिकारी की भूमिका पर संदेह जताया था। तीन सितम्बर को अदालत ने पुलिस को आरोपितों और पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल अधिकारी के कॉल डिटेल्स प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। आठ सितम्बर को पुलिस की ओर से कॉल रिकॉर्ड पेश किए गए, जिसमें जांच अधिकारी और मेडिकल अधिकारी के बीच पोस्टमार्टम से पहले और बाद में कई बार बातचीत होने का खुलासा हुआ। इस पर अदालत ने आशंका जताई कि मामले में जिला पुलिस और जांच अधिकारी की भूमिका संदेह से परे नहीं है।
अदालत ने कहा है कि नई गठित मेडिकल बोर्ड को सभी चोटों का विश्लेषण करते हुए स्पष्ट राय देनी होगी कि मौत का असली कारण क्या था। अदालत ने यह भी जोड़ा कि रिपोर्ट में हर चोट का उल्लेख होना चाहिए और यह स्पष्ट करना होगा कि किस चोट से मौत हुई।
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