नेपाल की अंतरिम सरकार में तीन नए मंत्री शामिल, जानें किसे मिली कौन-सी जिम्मेदारी
Dainik Bhaskar
Nepal cabinet news: नेपाल की अंतरिम सरकार में सोमवार को तीन नए मंत्रियों के शामिल होने के साथ एक बड़ा विस्तार हुआ. कुलमन घीसिंग, ओम प्रकाश आर्यल और रामेश्वर खनल ने काठमांडू स्थित राष्ट्रपति भवन, शीतल निवास में मंत्री पद की शपथ ली. राष्ट्रपति भवन से मिली तस्वीरों में तीनों नेताओं को टॉप अधिकारियों की मौजूदगी में शपथ लेते हुए दिखाया गया है. कुलमन घीसिंग को ऊर्जा, शहरी विकास और भौतिक अवसंरचना मंत्रालय का प्रभार दिया गया है. ओम प्रकाश आर्यल अब कानून और गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे, जबकि रामेश्वर खनल ने वित्त मंत्री का पदभार संभाला है.
#WATCH | Nepal's interim cabinet expands with the induction of three ministers. Visuals from 'Sital Niwas', the Nepali Rashtrapati Bhawan in Kathmandu.
Kulman Ghising, Om Prakash Aryal and Rameshwor Khanal took oath as Ministers this morning. pic.twitter.com/J2FO4lGRHb
मंत्रिमंडल का ये विस्तार रविवार को प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के पदभार ग्रहण करने के एक दिन बाद हुआ. बाद में, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सुशीला कार्की की सिफारिश पर कुलमन घीसिंग, रामेश्वर खनल और ओम प्रकाश आर्यल को मंत्री नियुक्त किया.
#WATCH | Nepal's interim cabinet expands with the induction of three ministers. Visuals from 'Sital Niwas', the Nepali Rashtrapati Bhawan in Kathmandu.
Kulman Ghising, Om Prakash Aryal and Rameshwor Khanal took oath as Ministers this morning. pic.twitter.com/J2FO4lGRHb
कुलमान घिसिंग: बिजली संकट खत्म करने वाले तकनीकी विशेषज्ञ
कुलमान घिसिंग नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के पूर्व प्रबंध निदेशक रह चुके हैं. उन्हें नेपाल में बिजली संकट खत्म करने और बड़े ऊर्जा सुधार लागू करने का श्रेय दिया जाता है. भारत-नेपाल ऊर्जा व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने में भी उनकी अहम भूमिका रही है, जिसके तहत अगले दशक में 10,000 मेगावाट बिजली के आदान-प्रदान का लक्ष्य रखा गया है.
रमेश्वर खनाल: अनुशासनप्रिय अर्थशास्त्री
पूर्व वित्त सचिव रमेश्वर खनाल को आर्थिक सुधारों के पैरोकार के रूप में जाना जाता है. वित्त मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति निवेशकों का विश्वास बहाल करने और वित्तीय अनुशासन को मजबूत करने की दिशा में अहम मानी जा रही है.
ओम प्रकाश अर्याल: न्यायप्रिय और सक्रिय अधिवक्ता
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के वकील ओम प्रकाश अर्याल, प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के करीबी माने जाते हैं. वे कानूनी सक्रियता और पारदर्शिता के पैरोकार हैं. अर्याल अब तक 50 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल कर चुके हैं, जिनमें कई पूर्व सरकारों के खिलाफ भी रही हैं. वे काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह के भी सलाहकार हैं.
नेपाल में अंतरिम सरकार का गठन
गौरतलब है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को ‘Gen Z’ आंदोलनकारी समूह की सिफारिश पर प्रधानमंत्री बनाया गया है. इस सरकार का मुख्य दायित्व 5 मार्च 2026 को होने वाले आम चुनावों का संचालन करना है. उन्होंने 12 सितंबर को शपथ लेकर राजनीतिक अनिश्चितता को समाप्त किया.
यह नियुक्ति तत्कालीन प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद हुई. ओली ने सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़के ‘Gen Z’ आंदोलन के दबाव में इस्तीफा दिया था. प्रदर्शन के दौरान कम से कम 72 लोगों की मौत हुई और कई प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में घुसकर उनका इस्तीफा मांगा था.