
मणिपुर में मानसून जाते-जाते कहर बरपा रहा है। बीते 24 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश से राज्य के अधिकांश हिस्सों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुईं। कई घर और कॉलोनियां जलमग्न हो गईं, जबकि प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
इंफाल के यिंगांगपोकपी, संटी खोंगबल, सबुंगखोक खुनोउ, काकवा और सागोलबंद के कई इलाके पानी में डूब गए। नोनी, सेनापति और कामजोंग जिलों में भूस्खलन की खबर है। जल संसाधन विभाग ने कहा है कि नदियों का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन हालात पर नजर रखी जा रही है।
सिक्किम और नगालैंड में भी तबाही
सिक्किम के ग्यालशिंग जिले में भूस्खलन की चपेट में आने से 47 वर्षीय ग्राम प्रधान राजेन गुरुंग की मौत हो गई। नगालैंड में भारी बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग-29 बाधित हो गया और एक बेली पुल डूबने से दो गांवों की आवाजाही ठप हो गई।
वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर फिर भूस्खलन
जम्मू-कश्मीर के कटड़ा में भारी बारिश से वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर फिर भूस्खलन हुआ। सांझी छत और भवन मार्ग पर भारी मलबा आने से रास्ता बंद कर दिया गया। श्राइन बोर्ड ने मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी गई है। इस बार मानसून में कटड़ा में 12 साल बाद 40% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
हिमाचल में 647 सड़कें बंद, 44 हजार करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और भूस्खलन से 3 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 647 सड़कें अब भी बंद हैं। 343 पेयजल योजनाएं और 185 ट्रांसफार्मर ठप हैं। मानसून सीजन में राज्य में 404 लोगों की मौत हो चुकी है और 44,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।