
मुरादाबाद। थाना कटघर क्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे जिले को हिलाकर रख दिया है। यहां एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की घोर लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये ने उनके बच्चे की जान ले ली। आरोप यह भी है कि बच्चा घंटों पहले दम तोड़ चुका था, लेकिन डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन ने मौत की सच्चाई छुपाते हुए बच्चे को वेंटिलेटर पर रखकर इलाज का नाटक जारी रखा।परिजनों का कहना है कि उन्हें बच्चे से मिलने तक की अनुमति नहीं दी गई। जब तक अस्पताल प्रबंधन फीस और खर्च की बात करता रहा, तब तक परिजनों को यह यकीन दिलाया गया कि बच्चा जीवित है और उपचार जारी है। लेकिन अचानक जब बच्चे की मौत का खुलासा हुआ तो परिजनों का गुस्सा बेकाबू हो गया और पूरा अस्पताल रणभूमि में बदल गया।गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की। शीशे चटक गए, वार्डों में अफरा-तफरी मच गई, उपकरण तोड़ डाले गए और चीख-पुकार के बीच अस्पताल का माहौल भयावह हो गया। वहां मौजूद अन्य मरीजों और उनके परिजनों में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। चारों ओर दहशत फैल गई।घटना की जानकारी मिलते ही थाना कटघर पुलिस मौके पर पहुंची और हालात काबू करने की कोशिश की। पुलिस ने किसी तरह स्थिति को शांत कराया और परिजनों से बातचीत कर तहरीर ली। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।नवजात का परिवार थाना नागफनी क्षेत्र का रहने वाला है। परिवार के लोग इस घटना के बाद गहरे सदमे में हैं। उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों ने उनके मासूम की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया है। उनके मुताबिक यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि एक सोची-समझी लूट की साजिश है।इस घटना ने मुरादाबाद के मेडिकल सिस्टम और अस्पतालों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आखिर कैसे डॉक्टर मृत बच्चों का इलाज करने का नाटक करते हैं? क्या जिंदगी बचाने का वादा करने वाले अब मौत छुपाकर पैसों की वसूली करने लगे हैं?इलाके में इस घटना की चर्चा हर तरफ है। लोग दबी जुबान में कह रहे हैं कि अस्पताल अब मौत के सौदागर बन चुके हैं। वहीं पीड़ित परिवार इंसाफ की मांग पर अड़ा हुआ है। उनका कहना है कि जब तक दोषी डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।इस दर्दनाक हादसे ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। यह घटना सिर्फ एक नवजात की मौत नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि अगर ऐसे अस्पतालों पर लगाम नहीं कसी गई तो आम लोगों की जिंदगी हर दिन खतरे में रहेगी।