
Dehradun : देहरादून जिले में नाबालिग बच्चों के लापता होने की घटनाओं में तेज़ी आई है, जिससे पुलिस के लिए चिंता बढ़ गई है। पिछले डेढ़ महीने में 61 बच्चों के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज हुई है, जिनमें अधिकांश स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राएं हैं। इनमें से कुछ बच्चे नाराज होकर घर से भाग गए हैं, तो कुछ सोशल मीडिया के जाल में फंस गए हैं। पुलिस इन बच्चों की तलाश में जुटी है, लेकिन सोशल मीडिया का दुष्प्रभाव एक बड़ी चुनौती बन गया है।
पुलिस के अनुसार, इन गुमशुदगी के मामलों में अधिकांश बच्चे 10 से 17 वर्ष की उम्र के हैं, जिनमें से अधिकतर बालिकाएं हैं। बच्चे सुबह स्कूल जाते हैं, लेकिन शाम को घर नहीं पहुंचते। कुछ बच्चों को पुलिस ने बरामद भी किया है, लेकिन लगातार बढ़ रही गुमशुदगी पुलिस के लिए चिन्ताजनक स्थिति उत्पन्न कर रही है।
पुलिस का मानना है कि बच्चों पर सोशल मीडिया का बड़ा दुष्प्रभाव पड़ रहा है। कई बच्चे बिना सोचे-समझे सोशल साइट्स पर फंस जाते हैं और बहकावे में आकर घर से भाग जाते हैं। साथ ही, छुट्टी के समय स्कूलों के बाहर मनचले भी सक्रिय हो जाते हैं। बाइक पर तीन-तीन युवक स्कूल के आसपास घूमते देखे गए हैं, जिनके कारण स्कूल के बाहर असामाजिक गतिविधियां और मारपीट की घटनाएं भी आम हो गई हैं। इस स्थिति में स्कूलों के सुरक्षाकर्मी भी परिसर के आसपास ही तैनात रहते हैं, जबकि मुख्य मार्ग पर मनचले बेखौफ घूमते रहते हैं।
एक केस स्टडी के अनुसार, 22 अगस्त को सेलाकुई थाने ने तीन बालिकाओं को दिल्ली से बरामद किया था। ये तीनों बालिकाएं घर से नाराज होकर दिल्ली चली गई थीं, जहां से उन्हें मुंबई के लिए निकलना था। पुलिस ने समय रहते उन्हें मुंबई जाने से पहले दिल्ली से ही सुरक्षित बरामद कर लिया।
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